वॉटरक्रेस या जलकुंभी के कई फायदे हैं. ये एक क्रूसिफेरस सब्जी है यानी इसकी पत्तियां खाई जाती हैं. इसमें पॉलीफेनोल्स की अच्छी मात्रा होती है, जो बीमारी से लड़ने में मददगार होती है.
Image: Unsplashऐसा माना जाता है कि रोमन सैनिक इसे अपना कैलिबर बढ़ाने के लिए उपयोग करते थे. ये कई गंभीर बीमारियों के इलाज में कारगर है.
Image: Pexels जलकुंभी ज्यादातर सलाद के रूप में खाया जाता है. इसके अलावा इसे पास्ता, कैसरोल, सूप और अलग-अलग सॉस में शामिल करके खाया जा सकता है.
ये एंटीकार्सिनोगेनिक हैंं. जलकुंभी में फाइटोन्यूट्रिएंट्स हैं, जो फेफड़ों, पेट के साथ-साथ स्तन कैंसर को रोकता है. वहीं, ये खाद्य पदार्थों के कार्सिनोजेनिक प्रभावों को रोकने में मददगार है.
Image: Pexelsजलकुंभी थायराइड हार्मोन के लिए काफी लाभकारी है. ज्यादा फायदे के लिए इसे कच्चा खाया जा सकता है. या हल्का उबाल करके भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
Image: Pixabayजलकुम्भी ब्लड प्रेशर मेंटेंन करने में भी मदद करता है. इसमें कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम होते हैं. ये सोडियम को रिलीज करके और अर्टरीज को पतला करता है. इससे ब्लड प्रेशर कम होता है.
Image: Pexelsकैल्शियम की अच्छी मात्रा होने के कारण जलकुंभी हड्डियों को भी स्वस्थ बनाए रखता है. ये ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को भी कम करता है. बढ़ती उम्र के लोगों को यह अवश्य खाना चाहिए.
Image: Pexelsऔरतों में प्रेग्नेंसी के दौरान और मेनोपॉज के बाद जलकुंभी का इस्तेमाल लाभकारी होता है. यह फोलेट का एक अच्छा सोर्स है. एक कप जलकुंभी विटामिन K के डेली डोज के लिए काफी है,
फोलेट का लेवल घटने पर डिप्रेशन का खतरा होता है. जलकुंभी एंटीडिप्रेसेंट का भी रोल निभाता है. इसके अलावा आंखों के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है. इससे मोतियाबिंद का खतरा कम होता है.
Image: Pexelsजलकुंभी डायबिटीज में भी काफी असरदार है. इसके साथ ही इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यूनिटी बिल्ड करने में मदद करते है. इससे सर्दी जुकाम से छुटकारा मिलता है.
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