विटामिन डी हमारे शरीर के लिए आवश्यक होता है, डॉक्टर्स का कहना है कि हड्डियों के अलावा भी ये हमारे शरीर के सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है.
विटामिन डी की मामूली कमी से भी शरीर में कैंसर, हृदयरोग, डायबिटीज़ और संक्रामक एवं सूजन संबंधी रोगों के अलावा बच्चों को अस्थमा का ख़तरा बढ़ जाता है.
विटामिन डी की कमी के नतीजे भयानक हो सकते हैं, फिर भी लोगों को इसके बारे में जानकारी कम है. जिसके चलते इस तरह के केसेज बढ़ रहे हैं.
विटामिन डी की कमी होने पर व्यक्ति हमेशा थका-थका रहता है, साथ ही हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द रहता है और कई बार तो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार तक हो जाता है.
अकसर लोगों को लगता है कि धूप ना मिलने की वजह से ही विटामिन डी की कमी होती है. लेकिन यही इकलौता कारण नहीं है.
जो लोग ज्यादातर रिफाइंड तेल का इस्तेमाल करते हैं, ज्यादा वक्त घर में बिताते हैं, सनस्क्रीम का इस्तेमाल बहुत करते हैं. उन्हें इस तरह की कमी आमतौर पर हो जाती है.
किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को हर दिन नियमित रूप से कम से कम 10 से 20 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत होती है.
विटामिन डी की कमी होने पर इंसान को अंडे का सफेद भाग, मसरूम, संतरे का जूस, डेयरी प्रोडक्ट, चीज आदि डायट में भरपूर मात्रा में लेनी चाहिए.