7 Aug 2024
Author: Shivangi
अगर किसी को 6 बजे उठना है तो वो 5:30 का अलार्म लगा लेते हैं. जो हर 10 मिनट पर बार-बार बजते रहता है.
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सोने और जगने के रूटीन बिगड़ने से सेहत पर काफी खराब असर पड़ता है. कई बार लोग काम पर जाने की टेंशन में मल्टीपल अलार्म सेट कर लेते हैं. जिससे सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है.
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डॉक्टर्स की माने तो ऐसा करने से सेहत बिगड़ सकती है. और इससे दिनभर सुस्ती और थकान महसूस हो सकती है.
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अमेरिका के न्यूरोलॉजिस्ट बैंडन पीटर्स के मुताबिक, मल्टीपल अलार्म सेट करने से नींद के पैटर्न और क्वालिटी पर खराब असर पड़ता है. और दिमाग भी कमजोर हो सकता है.
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बार-बार नींद डिस्टर्ब होने से याददाश्त भी कमजोर हो सकती है.
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बार-बार नींद खुलने से एक्टिविटी कम होती है. इसके अलावा इससे हमारी क्रिएटिविटी पर भी असर पड़ सकता है.
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एक्सपर्ट्स की माने तो सुबह जागने के लिए एक अलार्म काफी है. इसलिए सोने और जागने का समय फिक्स कर लेना चाहिए.
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नींद प्रभावित होने से कई दिक्कतें हो सकती हैं. जैसे किसी भी चीज पर स्लो रिस्पांस देना. इसके अलावा कम सोने से हमारे सोचने की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है.
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