पैरासिटामोल दर्द निवारक और बुखार कम करने वाली दवाई है. इसे डॉक्टर मरीज की जरूरत के हिसाब से प्रिस्क्राइब करते हैं. कोविड-19 वैक्सीन के बाद आनेवाले बुखार के लिए भी यही दवा दी गई.
Image: Pexelsमार्केट में आमतौर पर ये पैरासिटामोल नाम से आती है. कई अन्य दवाइयों में यह एक्टिव इंग्रेडिएंट्स के रूप में मौजूद होती है. इसे हल्के बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द आदि से राहत के लिए लेते हैं.
Image: Pexelsडॉक्टर्स की सलाह पर दवाई लेना ठीक है. लेकिन, लोग बिना सलाह के बुखार, दर्द और कभी-कभी सिर्फ थकान दूर करने के लिए इसे ले लेते हैं. ऐसा करने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी की एक ताजा रिसर्च में भी यही बात कही गई है. इसमें दिल के दौरे और स्ट्रोक के मरीजों को भी पैरासिटामोल सावधानी से देने की सलाह दी गई है.
पैरासिटामोल से ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपने शरीर के किसी पुराने दर्द के लिए ये गोली ले रहा है तो उन्हें ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए अलग से दवा लेनी चाहिए.
पैरासिटामोल अगर ज्यादा मात्रा में खा लिया जाए तो एसिडिटी और पेट में अल्सर जैसी समस्या का भी खतरा होता है. कई दुर्लभ मामलों में खून की उल्टी तक भी मरीजों को हो सकती है.
कई बार इस दवा के ओवरडोज से लीवर पर भी गंभीर असर देखने को मिलता है. इसलिए पैरासिटामोल की डोज और दो डोज के बीच का अंतर हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही तय करें.
डॉक्टर की सलाह पर या कभी-कभार पैरासिटामोल लेनेवालों के लिए ये खतरा नहीं है. लेकिन, जो बिना डॉक्टर्स से सलाह लिए आए दिन ये दवा ले रहे हैं, उनको सावधानी बरतनी चाहिए.
पैरासिटामोल के अलावा डिस्प्रिन, ब्रूफेन और अन्य कई पेनकिलर हैं, जिन्हें सावधानी से और डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए.