कोरोना की पहली लहर में माना जा रहा था कि सिर्फ व्यस्क लोग इस बीमारी के शिकार बन रहे हैं.
लेकिन दूसरी लहर में नवजात शिशु भी कोरोना के शिकार हो रहे हैं, डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण बच्चे इसके शिकार हो रहे हैं, बच्चों में निमोनिया और डिहाइड्रेशन जैसे लक्षण दिखते हैं.
बच्चों को एंटी-वायरल या फिर रेमडेसिविर जैसी हैवी डोज नहीं दी जा सकती है, बल्कि रेस्पिरेटरी सपोर्ट देकर ही बच्चों का इलाज किया जा सकता है.
बच्चों के मामले में हल्के-फुल्के खांसी-जुकाम के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं.
जब भी आप अपने बच्चों के पास जाते हैं या फिर उन्हें गोद में लेते हैं, तो उससे पहले अपने हाथों की अच्छे से सफाई करें. अगर सैनेटाइजर का इस्तेमाल करते हैं.
बच्चे के पास जाते वक्त भी मास्क ज़रूर पहनें, बाकी लोगों को भी ऐसा करने की सलाह दें क्योंकि मास्क ही इस बीमारी से सुरक्षा का उपाय है.
शिशुओं को सुरक्षित रखने के लिए घरेलू नुस्खों का सहारा न लें, यह बच्चों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. हल्के से लक्षण दिखने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें.