माइग्रेन दुनिया की सबसे दर्दनाक बीमारियों में से एक है, दुनियाभर में करीब 100 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में 7 व्यस्कों में से 1 माइग्रेन से पीड़ित है, खास बात ये है कि ये पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में तीन गुना ज्यादा हो सकता है.
माइग्रेन की बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए जून 2012 में साप्ताहिक कार्यक्रम मनाने की शुरुआत हुई जिसे बाद में पूरे मासिक कार्यक्रम में बदल दिया गया.
जागरुकता बढ़ाने फैलाने के लिए घर से काम कर रहे या ऑफिस जाने वालों लोगों से काम करने के दौरान बैंगनी पहनने को कहा जाता है.
बीमारी में सिर के एक तरफ भयंकर दर्द के साथ मतली, उल्टी आना, चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देना और आंखों के सामने काले धब्बे जैसे सिंपटम देखने को मिलते हैं.
माइग्रेन की बीमारी की सबसे भयावह बात ये है कि दर्द कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक हो सकता है. ऐसे में मरीज की स्थिति बहुत बिगड़ जाती है.
आयुर्वेदिक डॉक्टरों के अनुसार माइग्रेन दिमाग या चेहरे की रक्त वाहिनियों में हुई गड़बड़ी से होने वाला दर्द है. टेंशन, फूड स्टाइल, वातावरण में बदलाव से भी यह हो सकता है.
लाइफ-स्टाइल में हेल्दी परिवर्तन जैसे डिहाइड्रेशन से बचें और एक्सरसाइज को शामिल करने से माइग्रेन की रोकथाम में मदद मिल सकती है.