महाकुंभ मेले से जुड़ी अनोखी बातें 

31 Dec 2024 

Author: Shivangi

महाकुंभ मेले की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है, जिसकी शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होने वाली है. महाकुंभ मेला 12 साल में एक बार लगता है. लेकिन इस मेले को लगने में 12 साल का वक्त क्यों लगता है?  

महाकुंभ

Image Credit: Grok

महाकुंभ एक धार्मिक मेला है, जो मुख्य रूप से भारत के चार शहरों हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में लगता है. 

धार्मिक मेला

Image Credit: Grok

पौराणिक कहानियों में महाकुंभ मेले की शुरुआत को समुद्र मंथन से जोड़ा जाता है. समुद्र मंथन में 'अमृत कलश' के बंटवारे को लेकर देवताओं और राक्षसों के बीच एक युद्ध छिड़ गया था.  

समुद्र मंथन

Image Credit: Grok

माना जाता है कि इस युद्ध के दौरान 'अमृत कलश' से कुछ अमृत पृथ्वी पर गिरा था. जिसमें चार शहर हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज शामिल हैं.  

युद्ध

Image Credit: Grok

कहानी के मुताबिक, देवताओं और राक्षसों के बीच लड़ाई 12 दिनों तक चली थी, जो मनुष्य के लिए 12 साल के बराबर है. इसी कारण से महाकुंभ मेला 12 साल में लगता है.  

कहानी

Image Credit: Grok

महाकुंभ मेले का आयोजन 12 साल बाद होता है. वहीं, अर्धकुंभ मेले का आयोजन 6 साल में एक बार होता है.  

अर्धकुंभ

Image Credit: Grok

2013 के महाकुंभ मेले में लगभग 4 करोड़ लोग शामिल हुए थे.  

4 करोड़

Image Credit: Grok

वहीं, 2025 वाले महाकुंभ मेले में 20 करोड़ से भी अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद की जा रही है.  

20 करोड़

Image Credit: Grok