20 Feb 2025
Author : Ritika
प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियों में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का स्तर बढ़ने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने चिंता जाहिर की है.
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3 फरवरी को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने एक रिपोर्ट पेश की. इसमें महाकुंभ मेले के दौरान नदियों में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया बढ़ने के साइन मिले हैं.
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CPCB ने रिपोर्ट में बताया कि प्रयागराज की नदियों में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का लेवल बढ़ने से पानी की क्वालिटी बिगड़ गई है. नदियों का पानी नहाने लायक नहीं है.
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फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया, इंसान और जानवरों के मल में होता है. ये सीवेज के जरिए पानी में मिल जाता है. ये पानी की गुणवत्ता को खराब कर देता है.
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शाही स्नान के दिनों में इस बैक्टीरिया के स्तर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली.
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वेलनैस क्लीनिक और स्लीप सेंटर के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास मित्तल ने बताया कि फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया आमतौर पर आंतों में पाए जाते हैं और इसलिए इंसान के मल में होते हैं.
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डॉ. मित्तल ने बताया, "इस बैक्टीरिया वाला पानी किसी व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाए तो उसे डायरिया और यूरिनरी इन्फेक्शन हो सकता हैं. इसके अलावा उसे सेप्सिस भी हो सकता है."
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CPCB की रिपोर्ट के मुताबिक, महाकुंभ मेले के समय फेकल कोलीफॉर्म का लेवल प्रति 100 मिलीलीटर में 2,500 यूनिट की सेफ लिमिट से बहुत ज्यादा है.
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