घुटने में दर्द को पहले बुढ़ापे की बीमारी माना जाता था लेकिन आजकल 40 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते लोग इससे परेशान दिखते हैं. इसे नज़रअंदाज़ करना गलत है.
आमतौर पर लोग जोड़ो में दर्द को थकान के कारण होने वाला दर्द मानकर नजरअंदाज करते हैं और पेन किलर लेकर दर्द से छुटकारा पा लेते हैं. लेकिन यह गलत है.
युवाओं में इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है उनकी लाइफ स्टाइल और गलत फूड हैबिट्स. इन वजहों से युवाओं का वज़न बढ़ जाता है.
मोटापा बढ़ने के कारण घुटनों पर बोझ बढ़ता है जिसके कारण जोड़ों को अधिक नुकसान होता है, ऐसे में घुटनों के दर्द कम उम्र में शुरू हो जाता है.
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, 20 से 30 वर्ष की आयु के करीब 14 प्रतिशत लोग ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हैं, और इस कारण घुटनों में दर्द होने लगता है.
अर्थराइटिस ज्यादातर बड़ी उम्र के लोगों को होता है मगर आजकल बच्चे भी इस रोग का शिकार हो रहे हैं, खास तौर पर महिलाएं पीरियड्स के बाद इसकी शिकार होती हैं.
ज्यादा भाग–दौड़ के कारण घुटनों पर जोर पड़ता है. इस कारण घुटने के आसपास के बर्सा में सूजन होने से Bursitis होने से घुटने में दर्द हो सकता है.
उम्र के साथ मांसपेशियों में बदलाव आते हैं और उनकी क्षमता कम होती जाती है. इसके कारण टांगों पर अधिक दबाव पड़ता है और घुटने में दर्द होने लगता है.