लौकी में फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, पोटैशियम और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है.
लौकी ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, डायबिटीज और किडनी की बीमारियों के खतरे को कम करने में फायदेमंद है. यहां तक कि फैटी लिवर में भी लौकी का जूस फायदेमंद होता है.
लेकिन इतनी सेहतमंद लौकी कुछ लोगों के लिए ख़तरनाक होती है. खासतौर पर लौकी का जूस. ऐसे में कई लोगों को लौकी का जूस न पीने की सलाह दी जाती है.
जो लोग डायबिटीज़ और हाई-ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं उन्हें सीमित मात्रा में ही लौकी के जूस का सेवन करना चाहिए. क्योकि इससे शुगर और बीपी बेहद कम हो सकता है.
लौकी के जूस का सेवन करने वाले लोगों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जूस कड़वा न हो. इसका कड़वापन पेट में गैस जैसी दिक्कत पैदा कर सकता है.
लौकी के जूस को पीने के अपने नियम हैं, एक्सपर्ट्स की मानें तो लौकी का जूस सुबह खाली पेट पीना चाहिए, साथ ही, एक दिन में एक गिलास से अधिक नहीं पीना चाहिए.
दरअसल, आजकल लौकी को बढ़ाने के लिए इंजेक्शन्स का सहारा लिया जाता है जिसकी वजह से ये नुकसान देती है.
इस तरह की लौकी के जूस को पीने से दस्त, उल्टी और कई बार तो बैक्टीरियल इंफेक्शन पैदा हो जाता है. इसलिए लौकी के जूस का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है.