1983 के मद्रास टेस्ट में कपिल देव ने उस वक़्त पारी घोषित कर दी जब सुनील गावस्कर 236 रनों पर खेल रहे थे. अगले साल कपिल देव को एक शॉट खेलने के लिए टीम से ड्रॉप कर दिया गया.
कपिल का कहना था कि ये गावस्कर ने किया है, जबकि गावस्कर का कहना था कि वे सेलेक्शन मीटिंग में थे भी नहीं. फिर BCCI ने एक मीटिंग बुलाकर दोनों के बीच के मसले को सुलझाया.
Video: Getty Images1996 में नवजोत सिंह सिद्धू इंग्लैंड का दौरा छोड़ कर वापस आ गए थे. उनका कहना था कि मोहम्मद अज़हरुद्दीन उन्हें लगातार गाली दे रहे थे.
Image: Getty ImagesBCCI ने जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि अज़हरुद्दीन का मकसद सिद्धू का अनादर करना या उन्हें गाली देने का नहीं था, बल्कि दोस्तों को संबोधित करने का उनका एक सामान्य तरीका था.
Image: Getty Imagesसचिन तेंडुलकर ने 1999 में कप्तान बनने के बाद मोहम्मद अज़हरुद्दीन को टीम में लेने से मना कर दिया था, क्योंकि उन्हें लगता था कि पिछले कुछ समय से अज़हर अपना 100% नहीं दे रहे थे.
Image: Getty Images2000 में अज़हर की वापसी हुई. इस दौरान तेंडुलकर ने सीरीज में हार का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया. फिर साल के अंत में अज़हर मैच फिक्सिंग के मामले में फंस गए थे.
Image: Getty Images2004 के पाकिस्तानी दौरे पर भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे राहुल द्रविड़ ने ऐसे समय पर पारी घोषित कर दी जब सचिन 194 पर खेल रहे थे.
Image: Getty Imagesदोहरे शतक से चूकने के चलते तेंडुलकर काफी नाखुश थे. इसके बाद दोनों के बीच कोई बड़ा विवाद तो नहीं हुआ, लेकिन कुछ समय तक चुप्पी जरूर बनी रही.
Image: Getty Images2017 में भारत के कप्तान विराट कोहली के साथ हुई झड़प के चलते अनिल कुंबले ने टीम के हेड कोच के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
Image: PTIआज तक कुंबले के इस्तीफे की वजह पर कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया है. लेकिन माना जाता है कि टीम के चयन को लेकर कोच और कप्तान के बीच कहासुनी हो गई थी.