29 May 2024
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सनस्क्रीन हमारे शरीर और चेहरे को UVA, UVB, UVC जैसे कई नुकसान पहुंचाने वाली किरणों से बचाती है.
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सूरज की सीधी किरणों से कई बार स्किन को काफी नुकसान होता है. मसलन स्किन पर बुढ़ापा जल्दी दिखने लगता है और झुर्रियां आ जाती हैं.
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सनस्क्रीन अलग-अलग तरह की होती हैं. सनस्क्रीन में जो बेसिक चीज़ पाई जाती है वो फिजिकल और केमिकल ब्लॉकिंग एजेंट है. जो धूप की किरणों से बचाते हैं.
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आजकल कुछ ऐसी भी सनस्क्रीन बाजार में मिलती हैं जो विज़िबल लाइट से बचाती हैं. यानी ट्यूब लाइट, बल्ब से निकलने वाला विज़िबल रेडिएशन और ब्लूलाइट.
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सनस्क्रीन ख़रीदते समय ध्यान दें कि उसमें UVB प्रोटेक्शन कितना है. जिसे SPF बोलते हैं. आमतौर पर ये 30-50 तक होता है.
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UVA रेडिएशन से बचाने के लिए सनस्क्रीन पर लिखा होता है PA फैक्टर. PA फैक्टर 3-5 होना चाहिए.
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सनस्क्रीन पर लिखा होता है फ़ॉर नॉर्मल स्किन, ऑइली स्किन या ड्राई स्किन. जैसी आपकी स्किन है, उस हिसाब से सनस्क्रीन चुने.
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अगर स्किन ऑयली है और ज्यादा पिम्पल आते हैं तो वॉटर बेस्ड सनस्क्रीन ही इस्तमाल करना चाहिए.
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