अगर आप गेमिंग स्मार्टफोन खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके मन में सवाल होगा कि इसके लिए किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है. आइए इस बारे में आपको बताते हैं.
गेमिंग मतलब फोन में होनी चाहिए रफ्तार. स्पीड और ताकत मिलती है प्रोसेसर से. प्रोसेसर किसी भी ब्रांड का हो. प्रीमियम सेगमेंट का ही होना चाहिए तभी बात बनती है.
दिमाग की मैमोरी की तरह रैम एक फोन की बुनियाद होती है लेकिन सीमित होती है तो साफ है जिनती ज्यादा रैम उतना बढ़िया क्यूंकि गेम खेलने में सबसे ज्यादा यूज इसी को होना है.
स्टोरेज कितना ज्यादा है? वो अब मुद्दा नहीं है, बल्कि वो ट्रांसफर कितनी जल्दी होता है वो जरूरी है तब काम आता है UFS सिस्टम या राइटिंग स्पीड
गेम मोड सबसे नई चीज है. इसका काम है सिर्फ गेम खेलते वक्त सभी नोटिफिकेशन को बंद रखना नहीं है. यह डिवाइस की परफॉर्मेंस को भी ऑप्टिमाइज़ करता है.
डिस्प्ले एक सेकेंड में कितनी बार रिफ्रेश होगा वो है रिफ्रेश रेट. 90 हर्ट्ज और 120 हर्ट्ज तो अब नॉर्मल फोन में आने लगे हैं और गेमिंग फोन में ये 144 हर्ट्ज पहुंच गया है.
कूलिंग सिस्टम या वेपर चैंबर. नाम कई हैं. पर काम फोन को ठंडा रखना है. आम तौर पर लंबे समय तक गेम खेलने से फोन में ज़रूरत से ज़्यादा से गर्म होने की शिकायत रहती है.
बैटरी है तो खत्म तो होगी लेकिन जितनी ज्यादा क्षमता वाली हो उतना बढ़िया. साथ में चार्जिंग स्पीड तेज होनी चाहिए मतलब 10 मिनट का ब्रेक लिया. एक बार फिर गेमिंग सेशन के लिए तैयार.