कोई भी अच्छी बात होती है और हम मुंह मीठा करने की बात करते हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा चीनी सेहत के लिए ज़हर है.
आपके शुगर इनटेक में आइस्क्रीम, चॉकलेट, मिल्क शेक्स और कोल्डड्रिंक्स का अहम योगदान है. देखा जाए तो ये चीजें हमारी और आपकी लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुकी हैं.
चीनी अनाज के मुकाबले 5 गुना ज्यादा तेजी से फैट में बदलती है, यानि जब आप मीठा खाते हैं तो आप मोटा करने वाली कोशिकाओं को खाना खिलाते हैं.
चीनी कम खाने से सेरोटोनिन नाम का हार्मोंस ज्यादा बनता है जो आपको खुशनुमा बनाता है, लेकिन ज्यादा चीनी आपको डिप्रेशन का शिकार बनाती है.
ज्यादा चीनी खाने से कोलेजन फाइबर की नेचुरल इलास्टिसिटी धीरे-धीरे खत्म होती जाती है, और आपकी स्किन में झुर्रियां बनने लगती हैं. आप बूढ़े लगने लगते हैं.
ज्यादा चीनी खाने से आपकी आंतों का माइक्रोफ्लोरा बाहर निकल जाता है, और आपको पाचनतंत्र से संबधित बीमारियां होने लगती है.
कैंसर की काशिकाओं को बढ़ने के लिए चीनी की ज़रूरत होती है. इस बात पर अभी रिसर्च हो रही है कि चीनी आखिर ऐसा क्या करती है कि कैंसर बढ़ जाता है.
चीनी खाने से मेमोरी वीक होने लगती है, देखा गया है कि हाई ब्लड शुगर वाले लोगों की याददाश्त कम ब्लड शुगर वालों से खराब होती है.