17 May 2024
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ताजा स्टडी में पता चला है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगवाने वाले लगभग एक तिहाई लोगों में एक साल बाद साइड इफेक्ट्स देखने को मिले.
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BHU में कोवैक्सीन पर हुई ये रीसर्च इकोनॉमिक टाइम्स ने साइंस जर्नल स्प्रिंगरलिंक में पब्लिश हुई है.
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जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक कुल 1,024 लोगों पर स्टडी हुई जिनमें 635 किशोर और 291 वयस्क शामिल थे.
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करीब एक तिहाई व्यक्तियों में AESI विकसित हुआ. लगभग 50 फीसदी लोगों ने इंफेक्शन की शिकायत की. ज्यादातर मामले सांस से जुड़े इंफेक्शन के थे.
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स्टडी में हिस्सा लेने वाले किशोरों में स्किन डिसऑर्डर(10.5%), नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर (4.7%) और जनरल डिसऑर्डर (10.2%) जैसी समस्या आम तौरपर देखी गईं.
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दूसरी तरफ वयस्कों में जनरल डिसऑर्डर (8.9%), मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़े डिसऑर्डर (5.8%) और नर्वस सिस्टम से जुड़े डिसऑर्डर (5.5%) देखे गए.
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स्टडी में हिस्सा लेने वाली 4.6% महिला प्रतिभागियों में मासिक धर्म संबंधी असामान्यताएं देखी गईं. 2.7% में नेत्र संबंधी समस्याएं और 0.6% प्रतिभागियों में हाइपोथायरायडिज्म देखा गया
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0.3% में स्ट्रोक और 0.1% प्रतिभागियों में गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) की पहचान भी हुई. GBS एक ऐसी दुर्लभ बीमारी है जो लकवे की ही तरह शरीर के बड़े हिस्से को धीरे-धीरे निशक्त कर देती है.
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