1 July 2024
Author: Shivangi
भारतीय न्याय संहिता आज यानी 1 जुलाई से प्रभावी हो गई है. इन कानूनों ने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है.
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हत्या के मामले में पहले IPC की धारा 302 लगती थी. लेकिन अब BNS में इसे धारा 103 कहा जाएगा.
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धोखाधड़ी पर पहले IPC की धारा 420 लगाई जाती थी. लेकिन अब BNS की धारा 318 लगाई जाएगी.
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दुष्कर्म के लिए पहले IPC की धारा 376 लगाई जाती थी. लेकिन अब BNS में इसे धारा 63 कहा जाएगा. गैंगरेप का केस हुआ तो उसे धारा 70 कहा जाएगा.
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IPC में अपहरण के मामले में धारा 359 में केस दर्ज होता था. BNS में इसकी जगह धारा 137 ने ली है.
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छेड़छाड़ में IPC की धारा 354 D लगाई जाती थी. BNS में इस धारा 78 कहा जाएगा.
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हत्या के प्रयास पर IPC की धारा 307 लगाई जाती थी. वहीं अब BNS की धारा 109 लगाई जाएगी.
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मानहानि के मामले में पहले IPC की धारा 499 लगाई जाती थी. वहीं अब BNS की धारा 356 लगाई आएगी.
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