अल्जा़इमर गंभीर बीमारी है, जिसके शुरुआती लक्षण बहुत सामान्य होते हैं. इसलिए अक्सर लोग इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं.
60 की उम्र के बाद अल्जा़इमर के मामले बहुत ज़्यादा बढ़ गए हैं. इसीलिए जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 21 सितंबर को अल्ज़ाइमर दिवस मनाया जाता है.
अल्ज़ाइमर का पहला लक्षण मेमोरी लॉस है. शुरुआती अवस्था में लोग नए मिलने वाले लोगों के नाम, हाल की घटनाएं, रोज़मर्रा के इस्तेमाल की चीजे़, यहां तक कि नई सीखी चींज़ें भी भूल जाते हैं.
इस बीमारी के होने पर लोगों की बातचीत में शामिल होने में भी परेशानी हो सकती है. अक्सर लोग बात करते-करते अचानक भूल जाते हैं कि वो क्या बात कर रहे थे.
रोगी निर्णय लेने में धीरे-धीरे बहुत कमज़ोर होते जाते है. यहां तक कि मौसम के बीच अंतर करने में असमर्थ हो जाते हैं और कई बार कपड़े गलत तरह से पहन लेते हैं.
पेशेंट्स के लिए ध्यान केंद्रित करना, सोचना और तर्क करना मुश्किल होता है. खासकर नंबर कैल्क्युलेशन बेहद मुश्किल हो जाती है. जिसके चलते बिल भरने जैसे काम दुखदायी लगते हैं.
रोगी को नींद की आदतों में बदलाव, रूचि की कमी, सामाजिक मेलजोल में कमी, भ्रम, अवसाद, चिड़चिड़ापन महसूस होता है.
अगर आपके घर में कोई भी इंसान ऐसा है, जिन्हें इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं, तो देरी किए बिना डॉक्टर से संपर्क करें.