14 Mar 2025
Author: Ritika
केरल के कन्नूर की रहने वाली 18 साल की एम. श्रीनंदा की स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करने की वजह से मौत हो गई. बताया गया कि वो एनोरेक्सिया नर्वोसा से जूझ रही थी, जो एक मानसिक विकार है.
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डॉक्टर आरुषि दीवान बताती हैं कि एनोरेक्सिया नर्वोसा एक ईटिंग डिसऑर्डर है. इसमें व्यक्ति बहुत कम खाता है. कई बार वो पानी भी नहीं पीता है क्योंकि उसे वजन बढ़ने का डर रहता है.
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इस डिसऑर्डर को फेस कर रहे व्यक्ति को लगता है कि वो ओवरवेट है. उसे कम खाने की जरूरत है. अगर वो ज्यादा खा लेता है, तो जबरदस्ती उल्टी करने की कोशिश करता है. ताकि वजन न बढ़े.
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कई बार कम वजन वाले लोग भी इस विकार का शिकार हो सकते हैं. ऐसे लोग जब खाना खाते हैं, तो उनके शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है. वो कुपोषित हो जाते हैं. कई दूसरी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.
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एनोरेक्सिया नर्वोसा होने का कोई सटीक कारण किसी को नहीं पता. लेकिन किसी व्यक्ति के वजन का मजाक उड़ाया जाए, तो उसे ये हो सकता है.
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अगर कोई व्यक्ति खाना खाने से परहेज कर रहा है. बहुत कम खाना खा रहा है. भूख कंट्रोल करने की दवाएं ले रहा है. बहुत ज्यादा एक्सरसाइज कर रहा है, तो हो सकता है कि उसे एनोरेक्सिया नर्वोसा हो.
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बहुत ज्यादा वजन घटना, शरीर में पानी की कमी, पेटदर्द, सिरदर्द, चक्कर आना, ब्लोटिंग, कब्ज, तनाव, हाथ या पैर में सूजन, स्किन ड्राई होना एनोरेक्सिया नर्वोसा के लक्षण हो सकते हैं.
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एनोरेक्सिया नर्वोसा से बचाव और इलाज मुमकिन है. बस जैसे ही इस डिसऑर्डर का पता लगे, तुरंत डॉक्टर से मिलें. इलाज के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी भी दी जा सकती है.
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