वॉकिंग निमोनिया क्या होता है?

28 Feb 2025

Author: Ritika

निमोनिया हमारे फेफड़ों से जुड़ा एक इंफेक्शन है. इसका एक रूप वॉकिंग निमोनिया भी है. इसमें व्यक्ति को इंफेक्शन तो होता है लेकिन लक्षण सामने उभरकर नहीं आते.

वॉकिंग निमोनिया

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डॉक्टर मानव मनचंदा बताते हैं कि वॉकिंग निमोनिया को एटिपिकल निमोनिया भी कहा जाता है. ये सामान्य निमोनिया से अलग होता है क्योंकि इसके लक्षण हल्के होते हैं.

एटिपिकल निमोनिया

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मरीज बीमार होते हुए भी चलता-फिरता रहता है. लेकिन, उसके फेफड़ों में अंदर इंफेक्शन रहता है. वॉकिंग निमोनिया कुछ अलग तरह के बैक्टीरिया, वायरस या फंगस की वजह से होता है.

इंफेक्शन

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वॉकिंग निमोनिया में बुखार हल्का (100-101 डिग्री) होता है. इसमें सिरदर्द, बदन दर्द, कमजोरी और सुस्ती जैसे लक्षण देखे जाते हैं. वॉकिंग निमोनिया में बलगम कम बनता है.

लक्षण

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सर्दी-जुकाम में बुखार हल्का होता है और एक-दो दिन में ठीक हो जाता है. लेकिन वॉकिंग निमोनिया में ये लंबे समय तक रहता है. जैसे बुखार हफ्ते-दो हफ्ते तक बना रह सकता है.

लंबे समय तक बीमार

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अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो जांच की जरूरत होती है. वॉकिंग निमोनिया को एक्स-रे या सीटी स्कैन के जरिए पता लगा सकते हैं.

जांच

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वॉकिंग निमोनिया के इलाज के लिए अलग एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं. इससे बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखें. मास्क लगाएं. जरूरी वैक्सीन लगवाएं.

एंटीबायोटिक्स

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सामान्य निमोनिया की तरह ही वॉकिंग निमोनिया दूसरे लोगों में फैल सकता है. इसलिए जिसे वॉकिंग निमोनिया है या इसके लक्षण हैं, वो मास्क लगाए. डॉक्टर से मिले.

मास्क

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