28 Feb 2025
Author: Ritika
निमोनिया हमारे फेफड़ों से जुड़ा एक इंफेक्शन है. इसका एक रूप वॉकिंग निमोनिया भी है. इसमें व्यक्ति को इंफेक्शन तो होता है लेकिन लक्षण सामने उभरकर नहीं आते.
Image Credit: Pexels
डॉक्टर मानव मनचंदा बताते हैं कि वॉकिंग निमोनिया को एटिपिकल निमोनिया भी कहा जाता है. ये सामान्य निमोनिया से अलग होता है क्योंकि इसके लक्षण हल्के होते हैं.
Image Credit: Pexels
मरीज बीमार होते हुए भी चलता-फिरता रहता है. लेकिन, उसके फेफड़ों में अंदर इंफेक्शन रहता है. वॉकिंग निमोनिया कुछ अलग तरह के बैक्टीरिया, वायरस या फंगस की वजह से होता है.
Image Credit: Pexels
वॉकिंग निमोनिया में बुखार हल्का (100-101 डिग्री) होता है. इसमें सिरदर्द, बदन दर्द, कमजोरी और सुस्ती जैसे लक्षण देखे जाते हैं. वॉकिंग निमोनिया में बलगम कम बनता है.
Image Credit: Pexels
सर्दी-जुकाम में बुखार हल्का होता है और एक-दो दिन में ठीक हो जाता है. लेकिन वॉकिंग निमोनिया में ये लंबे समय तक रहता है. जैसे बुखार हफ्ते-दो हफ्ते तक बना रह सकता है.
Image Credit: Pexels
अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो जांच की जरूरत होती है. वॉकिंग निमोनिया को एक्स-रे या सीटी स्कैन के जरिए पता लगा सकते हैं.
Image Credit: Pexels
वॉकिंग निमोनिया के इलाज के लिए अलग एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं. इससे बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखें. मास्क लगाएं. जरूरी वैक्सीन लगवाएं.
Image Credit: Pexels
सामान्य निमोनिया की तरह ही वॉकिंग निमोनिया दूसरे लोगों में फैल सकता है. इसलिए जिसे वॉकिंग निमोनिया है या इसके लक्षण हैं, वो मास्क लगाए. डॉक्टर से मिले.
Image Credit: Pexels