18 Dec 2024
Author: Suryakant
वनस्पति विज्ञान की बात नहीं करें तो जवाब रामा तुलसी, श्यामा तुलसी, विष्णु तुलसी होगा. लेकिन अगर सवाल वनस्पति विज्ञान के किसी एक्सपर्ट से हो और मौका PSC परीक्षा का हो तो जवाब डिप्टी कलेक्टर बना सकता है.
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छत्तीसगढ़ के तुलसी-नेवरा गांव के बजरंग वर्मा से भी यही सवाल पूछा गया था. जवाब ने उनको PSC में 12वीं रैंक दिलवा दी थी. हमने भी आईटीसी के एक्सपर्ट से यही सवाल पूछा. जवाब जान लीजिए.
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नेचुरल तरीके से उगने वाली तुलसी के अलावा भी लैब में कई तरह की तुलसी उगाई जाती है. कमाल बात ये है कि ये वाली तुलसी भी सेहत और बीमारी में उतनी ही फायदेमंद है.
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राम तुलसी की पत्तियों का रंग हरा होता है. इसके बारे में क्या ही बताना. सर्दी-खांसी में चाय में मिलाकर सुड़क लीजिए. नाक खुल जाएगी. बीमारी नहीं है तो अदरक इलायची के साथ मिला लीजिए. मन गनगना जाएगा.
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आयु तुलसी सिर दर्द, बुखार, कफ, सर्दी, गले की खरास से लेकर अस्थमा के मरीजों को आराम देती है.
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अपने नाम के अनुरूप गले की खरास को ठीक करने में मदद करती है. डायबिटीज के मरीजों के लिए तो वरदान है. जोड़ो के दर्द, डायरिया और किडनी से जुड़ी बीमारियों में भी काम आती है.
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नाम का असर पत्तियों के रंग पर साफ नजर आता है. थोड़े डार्क रंग की पत्तियां जो नींद नहीं आने पर मदद करती हैं. पाचन की समस्या से लेकर ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी से राहत दिलाती है.
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हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी बीमारियों की रोकथाम और उपचार में इसका इस्तेमाल होता है. इसके साथ मसाला तुलसी भी होती है जो स्वाद और सेहत दोनों का ख्याल रखती है.
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