18 Dec 2024
Author: Shivangi
आपने कलौंजी का नाम सुना है? इसके बीज होते हैं काले रंग के. ये बीज एकदम तिल के बीज जैसे दिखते हैं. मगर दोनों में बड़ा फर्क है. कलौंजी को काला जीरा या ब्लैक सीड भी कहा जाता है.
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खाने में तो कलौंजी का खूब इस्तेमाल होता है. पर इसकी चाय भी आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद है.
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डाइटिशियन के मुताबिक कलौंजी के बीजों में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रिलाइज़ कर देते हैं. यानी उन्हें स्टेबल बना देते हैं.
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इसमें मौजूद थाइमोक्विनोन नाम का एंटीऑक्सीडेंट डाइजेस्टिव एंजाइम्स को अच्छी तरह काम करने में मदद करता है.
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कलौंजी की चाय हमारी इम्यूनिटी मज़बूत बना सकती है. देखिए, सर्दियों में लोग जल्दी बीमार पड़ते हैं. ज़रा-सी सर्दी बढ़ी नहीं, कि खांसी-जुकाम-बुखार होने लगता है.
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कलौंजी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. यानी इसकी चाय पीने से बुरे बैक्टीरिया बढ़ नहीं पाते. इससे कई तरह के इंफेक्शंस का रिस्क कम होता है.
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कलौंजी में एंटीइंफ्लेमेट्री गुण भी होते हैं. यानी ये शरीर की अंदरूनी सूजन घटाती है. जिससे गठिया जैसी बीमारियों में आराम मिलता है.
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लौंजी की चाय मेटाबॉलिज़्म बढ़ाती है. मेटाबॉलिज़्म यानी हम जो खाना खाते हैं, उसे एनर्जी में बदलने, नए सेल्स बनाने और पुराने को बचाए रखने का प्रोसेस.
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