10 April 2025
Author: Shivangi
‘मैदा मत खाओ'. आंतों में चिपक जाता है. मैदे से बनी चीज़ें न खाने वालों के मुंह से आपने ये बातें ज़रूर सुनी होंगी.
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बहुत लोगों को लगता है कि मैदा हमारी आंतों या पेट में चिपक जाता है. इसलिए इसे खाने से बचना चाहिए.
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डाइटिशियन के मुताबिक मैदा आंतों या पेट में नहीं चिपकता. न ही इसका कोई साइंटिफिक प्रूफ है. ये केवल एक मिथक है.
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मैदे को जब गूंथा जाता है. तो ये दिखने में, छूने में चिपचिपा-सा लगता है. इसलिए, कई लोगों को लगता है कि ये पेट या आंतों में जाकर भी चिपक जाता होगा. जबकि ऐसा नहीं है.
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जब भी हम कोई चीज़ खाते हैं. तो पेट में मौजूद एंजाइम्स और एसिड उस चीज़ को तोड़ने लगते हैं. ताकि वो शरीर में अच्छे से एब्ज़ॉर्व हो. बिल्कुल यही मैदे और उससे बनी चीज़ों के साथ भी होता है.
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मैदे में न के बराबर फाइबर होता है. यानी इसे खाने से हाज़मे को नुकसान पहुंच सकता है. अगर कोई व्यक्ति रोज़ मैदे से बनी चीज़ें खाएगा तो उसे ब्लोटिंग, गैस, अपच और कब्ज़ की शिकायत हो सकती है.
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मैदे में ग्लूटन होता है. ग्लूटन एक तरह का प्रोटीन है. ऐसे में जो लोग ग्लूटन सेंसेटिव हैं या जिन्हें सीलिएक डिज़ीज़ है. उन्हें मैदा बहुत ज़्यादा दिक्कत दे सकता है.
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मैदे को तैयार करने के लिए काफ़ी ज़्यादा प्रोसेस किया जाता है. इसमें कई तरह के केमिकल्स और ब्लीचिंग एजेंट डाले जाते हैं. इसे महीन बनाया जाता है. जिससे मैदे में पोषण बचता ही नहीं है.
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यही वजहें हैं कि मैदे को हेल्दी नहीं माना जाता. हालांकि आप कभी-कभार बहुत सीमित मात्रा में मैदे से बनी चीज़ें खा सकते हैं. लेकिन, इसे रोज़-रोज़ की आदत न बनाएं.
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