‘हार्ट अटैक’ और ‘हार्ट फेल’ अलग-अलग

24 Mar 2025

Author: Ritika

कई बार लोग ‘हार्ट अटैक’ और ‘हार्ट फेल’ शब्दों का मतलब एक ही समझ लेते हैं. लेकिन ये दोनों अलग-अलग होते हैं.

दिल

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डॉक्टर सुशांत श्रीवास्तव बताते हैं कि हार्ट अटैक दिल की नसों यानी कोरोनरी आर्टरीज में ब्लॉकेज होने पर पड़ता है.

हार्ट अटैक

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हार्ट अटैक आने पर मरीज को सीने में तेज दर्द होता है. घुटन महसूस होने लगती है. बहुत ज्यादा घबराहट होती है.

सीने में दर्द

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‘हार्ट फेल’ की वजह दिल अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है. हार्ट फेलियर सिर्फ ब्लॉकेज की वजह से नहीं, बल्कि दिल की मांसपेशियां कमजोर होने, खून पंप करने की क्षमता कम होने की वजह से भी हो सकता है

हार्ट फेल

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हार्ट अटैक होने पर दिल का एक हिस्सा कमजोर हो सकता है. किसी को दो बार हार्ट अटैक आ जाए, तो हार्ट का बड़ा हिस्सा प्रभावित हो सकता है, जो हिस्सा डेड हो जाता है वो ठीक से पंप नहीं कर पाता.

दिल कमजोर

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बार-बार हार्ट अटैक आने से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है. हार्ट फेलियर की आम वजह हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) है. अगर ब्लड प्रेशर का इलाज न किया जाए, तो हार्ट फेल हो सकता है.

बार-बार हार्ट अटैक

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हार्ट फेल इसलिए बहुत खतरनाक है क्योंकि इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं. व्यक्ति को पता ही नहीं होता कि उनका ब्लड प्रेशर हाई है. लंबे वक्त तक हाई ब्लड प्रेशर रहने से हार्ट फेलियर हो सकता है.

लक्षण नहीं

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अगर दिल की मांसपेशियों से जुड़ी बीमारी है, तो हार्ट कमजोर हो सकता है. पंपिंग कम हो सकती है. इस स्थिति को डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी कहते हैं. 40 की उम्र के बाद रेगुलर चेकअप करना जरूरी है.

रेगुलर चेकअप

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