18 April 2025
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रतालू को कई नामों से जाना जाता है. जैसे सूरन और जिमीकंद. अक्सर शकरकंद को रतालू समझ लिया जाता है. लेकिन शकरकंद और रतालू में अंतर होता है.
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रतालू का बाहरी हिस्सा काफी खुरदरा होता है. अंदर से ये नारंगी, गुलाबी, बैंगनी, पीले या सफेद रंग का हो सकता है. इसकी सब्ज़ी अलग-अलग तरह से बनाई जा सकती है.
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रतालू खाने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं. इससे भी ज्यादा देसी रतालू सेहत के लिए अच्छा होता है.
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रतालू खाने से वजन घटाने में मदद मिलती है. साथ ही ये हाई बीपी वालों के लिए फायदेमंद होता है.
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रतालू बॉडी से खराब कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करता है.
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रतालू में डायोसजेनिन नाम का केमिकल कंपाउंड पाया जाता है. इसे एंटी-इन्फ्लेमेटरी माना जाता है. यानी सूजन कम करने वाला. इसलिए रतालू अर्थराइटिस के कारण होने वाले दर्द से राहत पहुंचाने में मददगार हो सकता है.
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रतालू में मौजूद डायोसजेनिन स्किन की नई कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है. इस वजह से ये एंटी-एजिंग एजेंट का भी काम करता है. यानी स्किन को जल्दी बूढ़ा होने से रोकता है.
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रतालू ग्लाइसेमिक इंडेक्स 24 होता है. जो शुगर के मरीजों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है.
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