11 Feb 2025
Author: Shivangi
केला. ये एक ‘ऑल सीज़न फ्रूट’ है. यानी ये पूरे साल मार्केट में बिकता है. इसे कभी भी, किसी भी मौसम में खाया जा सकता है. लेकिन, क्या डायबिटीज़ के मरीज़ केला खा सकते हैं?
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डाइटिशियन के मुताबिक केले में फाइबर, पोटैशियम, विटामिन B6, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. इसे खाना सेहत के लिए अच्छा है.
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डायबिटीज़ के मरीज़ भी केला खा सकते हैं. लेकिन बहुत ही सीमित मात्रा में. दरअसल, केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 31 से 62 के बीच होता है. यानी कुछ केलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है.
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अगर ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होगा. तो इसका मतलब कि उसे खाने के बाद कार्बोहाइड्रेट जल्दी ग्लूकोज़ में नहीं बदलेगा. जिससे ब्लड शुगर लेवल भी तेज़ी से नहीं बढ़ेगा.
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वहीं अगर ग्लाइसेमिक इंडेक्स मीडियम होगा. तो कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे ग्लूकोज़ में बदलने लगेगा. जिससे खून में शुगर का लेवल बढ़ जाएगा.
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यानी, अगर डायबिटीज़ के मरीज़ केला खाना चाहते हैं. तो वो ये ज़रूर देखें कि केला कितना पका हुआ है. अगर केला ज़्यादा पका हुआ हो, तो उसे खाने से परहेज़ करें. ऐसा केला खाएं जो बहुत ज़्यादा पका हुआ न हो.
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इसके अलावा, केले का साइज़ और उसकी मात्रा का भी ध्यान रखें. आप ज़्यादा से ज़्यादा एक दिन में मीडियम साइज़ के 2 केले खा सकते हैं. बहुत ज़्यादा केले खाने से बचें. वरना शुगर लेवल तेज़ी से बढ़ने का रिस्क रहेगा.
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आप केले को अकेले खाने के बजाय नटस, दही या पीनट बटर के साथ खा सकते हैं. इससे ब्लड शुगर लेवल तेज़ी से नहीं बढ़ेंगे. साथ ही, केले का शेक या स्मूदी बनाने से बचें. इससे केला जल्दी पच जाता है. और, ब्लड शुगर लेवल तेज़ी से बढ़ सकता है.
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