05 Mar 2025
Author: Ritika
बर्थमार्क यानी जन्म से ही कुछ निशान. ये स्किन पर बने प्राकृतिक निशान होते हैं. ये जन्म के समय से मौजूद हो सकते हैं या कुछ समय बाद शरीर पर दिख सकते हैं.
Image Credit: Pexels
डॉक्टर सुनीता नाइक ने बताया कि बर्थमार्क दो तरह के होते है. वैस्कुलर बर्थमार्क और पिगमेंटेड बर्थमार्क. वैस्कुलर बर्थमार्क खून की नसों की वजह से बनते हैं. इसमें सैल्मन पैच सबसे आम होता है.
Image Credit: Pexels
पिगमेंटेड बर्थमार्क स्किन में मौजूद पिगमेंट (रंग) की वजह से बनते हैं. कैफे-ऑ-लेट स्पॉट इसमें सबसे आम है और ये हल्के भूरे रंग के होते हैं. ये पूरे शरीर पर कहीं भी हो सकते हैं.
Image Credit: Pexels
जब शिशु के अंग बन रहे होते हैं, तब खून की नसों का निर्माण ठीक से न होने की वजह से वैस्कुलर बर्थमार्क बन सकते हैं.
Image Credit: Pexels
वहीं, जब भ्रूण में स्किन का रंग बन रहा होता है और अगर पिगमेंट का वितरण सही न हो, तो पिगमेंटेड बर्थमार्क बन सकते हैं. हमारे जीन्स की वजह से भी बर्थमार्क बन सकते हैं.
Image Credit: Social Media
बर्थमार्क हटाने के लिए लेजर थेरेपी, सर्जरी या क्रायोथेरेपी करा सकते हैं. क्रायोथेरेपी में लिक्विड नाइट्रोजन से बर्थमार्क को फ्रीज कर मिटाया जाता है. इसके अलावा दवाइयों से भी इलाज होता है.
Image Credit: Pexels
बर्थमार्क कोई नुकसान नहीं पहुंचाते. लेकिन इससे पानी या खून निकलने लगे, तो ये इंफेक्शन हो सकता है. इनका आकार बढ़ने या बदलने लगे, कुछ पिगमेंटेड बर्थमार्क में कैंसर बनने का चांस होता है.
Image Credit: Social Media
बर्थमार्क के साथ कुछ लक्षण दिखे. जैसे लगातार सिरदर्द या चक्कर आना, तो ये जेनेटिक डिसऑर्डर का साइन हो सकता है. ऐसे में किसी भी सलाह के लिए डॉक्टर से मिले.
Image Credit: Pexels