बर्थमार्क क्यों बनते हैं?

05 Mar 2025

Author: Ritika

बर्थमार्क यानी जन्म से ही कुछ निशान. ये स्किन पर बने प्राकृतिक निशान होते हैं. ये जन्म के समय से मौजूद हो सकते हैं या कुछ समय बाद शरीर पर दिख सकते हैं.

बर्थमार्क

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डॉक्टर सुनीता नाइक ने बताया कि बर्थमार्क दो तरह के होते है. वैस्कुलर बर्थमार्क और पिगमेंटेड बर्थमार्क. वैस्कुलर बर्थमार्क खून की नसों की वजह से बनते हैं. इसमें सैल्मन पैच सबसे आम होता है.

बर्थमार्क के प्रकार 

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पिगमेंटेड बर्थमार्क स्किन में मौजूद पिगमेंट (रंग) की वजह से बनते हैं. कैफे-ऑ-लेट स्पॉट इसमें सबसे आम है और ये हल्के भूरे रंग के होते हैं. ये पूरे शरीर पर कहीं भी हो सकते हैं.

पिगमेंटेड बर्थमार्क

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जब शिशु के अंग बन रहे होते हैं, तब खून की नसों का निर्माण ठीक से न होने की वजह से वैस्कुलर बर्थमार्क बन सकते हैं.

वैस्कुलर बर्थमार्क

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वहीं, जब भ्रूण में स्किन का रंग बन रहा होता है और अगर पिगमेंट का वितरण सही न हो, तो पिगमेंटेड बर्थमार्क बन सकते हैं. हमारे जीन्स की वजह से भी बर्थमार्क बन सकते हैं.

कारण

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बर्थमार्क हटाने के लिए लेजर थेरेपी, सर्जरी या क्रायोथेरेपी करा सकते हैं. क्रायोथेरेपी में लिक्विड नाइट्रोजन से बर्थमार्क को फ्रीज कर मिटाया जाता है. इसके अलावा दवाइयों से भी इलाज होता है.

बर्थमार्क हटवाना

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बर्थमार्क कोई नुकसान नहीं पहुंचाते. लेकिन इससे पानी या खून निकलने लगे, तो ये इंफेक्शन हो सकता है. इनका आकार बढ़ने या बदलने लगे, कुछ पिगमेंटेड बर्थमार्क में कैंसर बनने का चांस होता है.

नुकसान

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बर्थमार्क के साथ कुछ लक्षण दिखे. जैसे लगातार सिरदर्द या चक्कर आना, तो ये जेनेटिक डिसऑर्डर का साइन हो सकता है. ऐसे में किसी भी सलाह के लिए डॉक्टर से मिले. 

डॉक्टर

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