12 Feb 2024
Author: Shivangi
जो लोग रिफाइंड शुगर यानी सफेद चीनी छोड़ना चाहते हैं. वो इसके विकल्प के तौर पर खजूर की चीनी खा सकते हैं.
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खजूर की चीनी खजूर को सुखाकर बनाई जाती है. इसे सफेद चीनी की तुलना में बहुत कम प्रोसेस किया जाता है. खजूर चीनी 100% प्राकृतिक होती है. इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, ज़रूरी विटामिंस और मिनरल्स पाए जाते हैं.
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जैसे पोटैशियम, कैल्शियम और आयरन वगैरह. यानी इसे खाने से मिठास तो मिलती ही है. पोषण भी मिलता है.
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वहीं सफेद चीनी को बहुत ज़्यादा रिफाइन किया जाता है. नतीजा? इससे सारे पोषक तत्व हट जाते है. सिर्फ सुक्रोज़ बचती है. यानी सिर्फ मिठास. कोई पोषण नहीं.
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अगर बहुत ज़्यादा सफेद चीनी खाई जाए. तो कई दिक्कतें हो सकती हैं. जैसे मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज़ और दिल की बीमारियां. सफेद चीनी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी हाई होता है.
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इसका GI 65 से 70 के बीच होता है. यानी इसे खाने से कार्बोहाइड्रेट जल्दी ग्लूकोज़ में बदलता है. जिससे खून में शुगर का लेवल तेज़ी से बढ़ता है.
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वहीं खजूर की चीनी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मीडियम होता है. ये बैयालिस से 65 के बीच होता है. खजूर की चीनी खाने के बाद खून में शुगर का लेवल तेज़ी से नहीं बढ़ता.
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खून के ज़रिए शरीर के अलग-अलग अंगों तक पहुंच जाती है. और, उनमें एब्ज़ॉर्ब हो जाती है. नतीजा? शरीर में धीरे-धीरे ग्लूकोज़ रिलीज़ होता है और एनर्जी मिलती है.
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