25 Apr 2025
Author: Ritika
Pratik Gandhi और Patralekhaa की फिल्म Phule को लेकर काफी विवाद हुआ. हालांकि अब ये फिल्म 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.
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सेंसर बोर्ड पर आरोप लगे कि उन्होंने फिल्म से कई जातिगत भेदभाव वाले सीन काटने के निर्देश दिए है. अनुराग कश्यप समेत कई लोगों ने इसकी आलोचना की.
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‘फुले’ के अलावा भी कई ऐसी फिल्में है, जिनमें समाज के बड़े मुद्दों पर सवाल पूछे गए. लेकिन सेंसर बोर्ड की वजह से ये फिल्में आज भी अटकी हुई हैं.
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ये फिल्म पंजाब के नामी ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट जसवंत सिंह खालड़ा की कहानी पर बेस्ड हैं. ये फिल्म तकरीबन सालभर से अटकी पड़ी है. इसका ट्रेलर भी रिलीज के एक दिन बाद यूट्यूब से हटवा दिया गया था.
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मंकी मैन में देव पटेल का किरदार भगवान हनुमान से प्रेरित है. धार्मिक एंगल की वजह कहीं विवाद न हो जाए इसलिए सेंसर बोर्ड ने इसकी रिलीज पर रोक लगा रखी है.
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दिबाकर बैनर्जी ने 'फ्रीडम' नाम की फिल्म बनाई और 2020 में इसे Netflix को सौंप दिया. फिल्म को पांच साल का समय हो चुका है लेकिन ये अब तक रिलीज नहीं हुई है. फिल्म का नाम अब 'तीस' है
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2018 में आई तमिल फिल्म 'परियेरम पेरुमल' की रीमेक ‘धड़क 2’ है. ओरिजनल फिल्म में कोई दिक्कत नहीं आई. लेकिन उसी प्लॉट पर बनी ‘धड़क 2’ को सेंसर बोर्ड ने कह दिया कि ये संवेदनशील विषय है.
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फिल्म ‘संतोष’ पुलिस महकमे का बर्बर चेहरा दिखाती है. दलित महिला के संघर्षों की पहचान नए ढंग से करती है. सेंसर बोर्ड ने कहा है कि फिल्म में पुलिस ब्रूटालिटी और सेक्शुअल वायलेंस है.
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