संविधान दिवस इतिहास और महत्व

23 May 2023

Author: Poline Barnard

हर साल 26 नवंबर को कांस्टीट्यूशन डे यानी संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह वो दिन है जब भारत की संविधान सभा ने हमारे देश के संविधान को अपनाया था. यह संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है.

संविधान दिवस

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संविधान हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. जो हमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता, और बंधुत्व के सिद्धांतों की याद दिलाता है. डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को संविधान का मुख्य वास्तुकार माना जाता है.

संविधान का महत्व

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भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. इसे 395 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भागों के साथ तैयार किया गया था. बाद में इसमें समय के अनुसार कई संशोधन हुए और ये संख्या बढ़ी.

भारतीय संविधान की विशेषताएं

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आज भारत अपना 75वां संविधान दिवस मना रहा है. जो हमारे देश के इतिहास और महत्व को दर्शाता है. जो हमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता, और बंधुत्व के सिद्धांतों की याद दिलाता है

भारत का 75वां संविधान

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2015 में पहली बार देश में संविधान दिवस मनाया गया था. इसी साल 2015 में संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती थी. इसलिए बाबा साहेब को श्रद्धांजली देने के लिए इस वर्ष संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था.

सबसे पहले कब मनाया 

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भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान है. इससे बनने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. भारतीय संविधान के अंग्रेजी संस्करण में कुल 117,369 शब्द हैं.

रोचक बात

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संयुक्त राज्य अमेरिका में, संविधान दिवस हर साल 17 सितंबर को मनाया जाता है. जो 1787 में अमेरिकी संविधान पर हस्ताक्षर करने की याद में मनाया जाता है.

अमेरिका

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"संविधान हमारे देश की आत्मा है. आइए इसकी भावना का सम्मान करें, और भारत को गौरवान्वित बनाने का प्रयास करें." - डॉ बीआर अम्बेडकर.

संविधान दिवस उद्धरण

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