09 Apr 2025
Author: Suryakant
वैसे तो रंग को किसी जेंडर से जोड़ने का कोई तुक ही नहीं है. मगर पिंक रंग को छोटी बच्ची, स्रीत्व और कमजोरी से जोड़ दिया गया है.
Image Credit: Prachi Pratap
कॉर्पोरेट में महिलायें अक्सर पिंक कलर के कपड़े पहनने से बचती हैं क्योंकि उससे गंभीर इमेज नहीं बनती. ये काम तो इनके बस का नहीं, ऐसा मान लिया जाता है.
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ऐसा हम खुद से नहीं कह रहे. सुप्रीम कोर्ट में वकील और TEDx स्पीकर प्राची प्रताप ने पिंक रंग को लेकर बड़ी दिलचस्प पोस्ट की है. अपनी पोस्ट में भी वो पिंक कलर की साड़ी में नजर आ रही हैं.
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बकौल प्राची, महिलाओं को बिना किसी सामाजिक दायरे के अपने पसंद का कलर पहनने का मौका मिलना चाहिए. सिर्फ ब्लैक, ग्रे और व्हाइट ही प्रोफेशनल लुक नहीं देते हैं.
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उन्होंने अमेरिकन कॉमेडी फिल्म Legally Blonde का उदाहरण दिया. जिसमें पिंक कलर के कपड़ों से भरी Elle Woods की वार्डरोब उनकी बिना किसी पछतावे वाली जिंदगी की एक तस्वीर हुआ करती थी.
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Elle Woods का सामाजिक अपेक्षाओं के इतर काम करने का अंदाज ये बताता था कि सफलता और स्रीत्व एक साथ हो सकते हैं.
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प्राची और कहें 'पिंक प्राची' की लंबी चौड़ी पोस्ट बताती है कि पिंक कलर सिर्फ सॉफ्ट होने का परिचायक नहीं है. ये तो सदियों से मनुष्य की हीलिंग प्रोसेस का एक अभिन्न हिस्सा है.
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जिन महिलाओं को लगता है कि उनको एक दायरे में बांध दिया गया है तो उन्हें जरूर पिंक पहनना चाहिए. पर्सनल हीलिंग और आजादी वाली फीलिंग आएगी. हां मगर पहनना तभी जब आपका मन करे.
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