4 Feb 2025
Author: Shivangi
आपके आस-पास कई ऐसे बच्चे होंगे जो किसी के साथ घुलने-मिलने में शरमाते या फिर घबराते होंगे. बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, उनका शर्मीलापन कम हो जाता है. लेकिन कई बार यह बच्चों के साथ कई सालों तक रह जाता है.
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शर्मीला स्वभाव होने के कारण बच्चों को सोशलाइज होने में झिझक होती है. वे जल्द ही असहजता और संकोच महसूस करने लगते हैं. किसी भी काम की शुरुआत से पहले उन्हें अयोग्य महसूस होने लगता है.
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बच्चों के शर्मीलेपन के पीछे का कारण मां-बाप में से किसी एक का स्वभाव बच्चे के प्रति थोड़ा गलत होना हो सकता है. इसके अलावा, कई केस में बच्चे के हेल्थ कंडीशन के कारण भी ये हो सकता है.
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कई बार पेरेंट्स या टीचर बच्चों को बात-बात पर रोकते-टोकते रहते हैं. मां-बाप के आपसी संबंधों के कारण भी बच्चों के स्वभाव पर असर पड़ता है.
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मां-बाप अगर बच्चे की लगातार आलोचना करते हैं. तो इस कारण से भी बच्चों की पर्सनैलिटी पर नेगेटिव असर होता है. सोशल इंटरेक्शन कम होने के कारण भी बच्चे शर्मीले हो जाते हैं.
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बच्चों के शर्मीलेपन को दूर करने के लिए उनसे बातचीत करें. उनके सारे सवालों का जवाब जरूर दें. बच्चे जो भी कहते हैं, उसे ध्यान से सुनें.
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पेरेंट्स को बच्चों की ज्यादा कमी नहीं निकालनी चाहिए. उनकी आलोचना से भी बचना चाहिए. बच्चे की छोटी-अचीवमेंट्स के लिए भी उनकी तारीफ करें और घर का माहौल पॉजिटिव रखने की कोशिश करें.
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बच्चों को दोस्तों के साथ खेलने से नहीं रोकें. उन्हें पूरी आज़ादी दें. अगर बच्चों की रुचि डांस और म्यूजिक जैसी चीजों में है, तो उन्हें उसे फॉलो करने दें.
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