मार्केट में हर साल थोक के भाव से फ़्लैगशिप डिवाइस आते हैं, मगर सबसे ज़्यादा ऐपलका लेटेस्ट आइफ़ोन ही चमकता है. अपनी हवाई तवाई क़ीमत के बदले आइफ़ोन बढ़ियापरफॉर्मेंस और ज़बरदस्त कैमरा का प्रॉमिस करता है. मगर क्या हो जब आइफ़ोन 12 प्रोमैक्स का कैमरा एक कम कीमत वाले एंड्राइड फ़्लैगशिप के कैमरा के सामने घुटने टेकदे. वो भी उस फ़ोन के सामने जो क़ीमत में उसका एक तिहाई हो.टेक यूट्यूबर मार्कस ब्राउन्ली के ब्लाइंड कैमरा टेस्ट में कुछ ऐसा ही देखने कोमिला, जहां लोगों ने आइफ़ोन 12 प्रो मैक्स से खींची हुई पिक्चर से ज़्यादा वनप्लस8T से क्लिक की गई फ़ोटो को पसंद किया. आइफ़ोन 12 प्रो मैक्स की शुरुआती क़ीमत1,29,900 रुपए है और वनप्लस की नयी अफ़ोर्डेबल फ़्लैगशिप का दाम 42,999 रुपए सेशुरू होता है. हम जानेंगे कि आइफ़ोन 12 प्रो के कैमरा ने क्या गड़बड़ की और किस वजहसे वनप्लस 8T जीता, मगर पहले पूरा मामला जान लेते हैं.MKBHD का ब्लाइंड कैमरा टेस्टपिछले साल की तरह इस बार भी मार्कस ब्राउन्ली ने 16 फ़्लैगशिप फ़ोन्स को लेकर एकब्लाइंड कैमरा टेस्ट किया. फ़ोन के नाम छिपाकर इनको A से लेकर P तक नाम दिए गए.पहले राउंड में फ़ोन A को फ़ोन B से लड़ाया गया, फ़ोन C को फ़ोन D से, और फिर दोनोंमें जो जीता उन्हें आपस में. ऐसे करते करते फ़ोन O, फोन P तक कॉम्पिटीशन करवायागया. आप नीचे लगे हुए चार्ट को देखकर इसे ज़्यादा अच्छे से समझ सकते हैं:मार्कस का ब्रैकट स्टाइल टेस्ट चार्ट. (फ़ोटो: ट्विटर/ MKBHD)भिड़ंत के लिए सारे फ़ोन से सेम-टू-सेम पिक्चर खींची गई और इनको मार्कस ने अपनेट्विटर अकाउंट और इंस्टग्राम स्टोरीज़ पर डाला. लोगों को हर बार दो में से एक फ़ोटोचुनना था. वोट करने से लेकर रिज़ल्ट आने तक किसी को नहीं पता था कि वो किस फ़ोन सेक्लिक की हुई पिक्चर चुन रहे हैं. बस दो फ़ोटो में से जो भी बढ़िया लगे उसे सेलेक्टकर लिया. नीचे लगी हुई ट्वीट देखिए:Which photo is better? N or O? (Poll)— Marques Brownlee (@MKBHD) November 24, 2020इस तरह जीतने वाले फ़ोन अगले राउंड में पहुंच जाते, जहां फ़िर से यही कार्यक्रमदोहराया जाता. हर राउंड में पिक्चर अलग थीं मगर प्रॉसेस वही सेम. सोशल मीडिया परपिक्चर की डीटेल वग़ैरह इतना मैटर नहीं करती. बस एक ही चीज़ मैटर करती है कि कौन सीपिक्चर देखने में ज़्यादा अच्छी लग रही.कौन सा फ़्लैगशिप फ़ोन बाज़ी जीता?इस टेस्ट में एक से बढ़कर एक धुरंधर फ़ोन थे. लिस्ट में Moto Edge+, Apple iPhoneSE, Huawei Mate 40 Pro, Poco F2 Pro, Oppo Find X2 Pro, Google Pixel 5, LG Wingऔर Asus Zenfone 7 Pro से लेकर Microsoft Surface Duo, Sony Xperia 1 ii, Mi 10Ultra, OnePlus 8 Pro, Apple iPhone 12 Pro Max, OnePlus 8T, Samsung Galaxy Note20 Ultra और Google Pixel 4a शामिल थे. क़रीब 1 करोड़ वोट के बाद इस साल लोगों नेजिस फ़ोन को विनर बनाया वो आसुस का फ़्लिप कैमरा वाला ज़ेनफ़ोन 7 प्रो स्मार्टफ़ोनहै. पूरे रिज़ल्ट का चार्ट नीचे है:16 फ़ोन की भिड़ंत का रिज़ल्ट ये है. (फ़ोटो: यूट्यूब/ MKBHD)वनप्लस 8T से क्यों हारा आइफ़ोन 12 प्रो?मार्कस ब्राउन्ली के ब्लाइंड कैमरा टेस्ट में बहुत सारे हैरान करने वाले रिज़ल्टआए, जैसे आइफ़ोन SE का मोटो एज+ से हार जाना और पिक्सल 5 का ज़ेनफ़ोन 7 प्रो से हारजाना. मगर सबसे ज़्यादा हैरान करने वाली बात यही थी कि पहले ही राउंड में आइफ़ोन 12प्रो वनप्लस 8T से हार गया. वो भी कोई छोटे मोटे मार्जिन से नहीं.वनप्लस 8T 86% वोट के साथ आइफ़ोन 12 प्रो मैक्स से आगे रहा. (फ़ोटो: यूट्यूब/MKBHD)86% लोगों ने वनप्लस 8T से खींची हुई पिक्चर को आइफ़ोन 12 प्रो मैक्स की फ़ोटो सेज्यादा पसंद किया. आइफ़ोन की ऐसी घनघोर बेज़्ज़ती कैसे हो गई वो जानने से पहले आपइन दोनों फ़ोन से क्लिक की गई पिक्चर्स को एक बार देख लीजिए. यहां पर M वाली फ़ोटोआइफ़ोन 12 प्रो मैक्स से खींची गई है और N वाली फ़ोटो वनप्लस 8T से.:Which photo is better? M or N? (Poll)— Marques Brownlee (@MKBHD) November 23, 2020इस बात में कोई डाउट नहीं है कि वनप्लस वाली पिक्चर देखने में ज़्यादा अच्छी लग रहीहै. और इसकी दो वजह हैं-- आइफ़ोन वाइट बैलेन्स और एक्स्पोज़र लेवल को ठीक से मैनेजनहीं कर पाया. ये दोनों चीज़ें क्या हैं, इन्हें हम एक-एक कर के जानते हैं.एक्स्पोज़र क्या है?कैमरा के लेंस में पहुंचने वाली लाइट को एक्स्पोज़र कहते हैं. जब सीन में ज़्यादालाइट होती है, जैसे कि धूप वग़ैरह में तो लेंस बहुत कम टाइम के लिए खुलता है ताकिकम से कम लाइट आए और डिटेल्स को उभारा जा सके. जब सीन में लाइट कम होती है तो लेंसज़्यादा टाइम तक खुलता है ताकि ज़्यादा लाइट आए ताकि पिक्चर में अंधेरा न हो औरचीज़ें ठीक से दिखायी पड़ें. कैमरा के लिए चुनौती तब होती है जब एक ही सीन मेंअंधेरे वाला और उजाले वाली दोनों चीज़ें होती हैं.आप इस चीज़ को अपने फ़ोन के कैमरा से चेक कर सकते हैं. किसी बंदे को लाइट केख़िलाफ़ खड़ा करिए जिससे चेहरे पर छांव रहे. ऐसे में जब आप चेहरे पर टैप करेंगे तोकैमरा इक्स्पोज़र को बढ़ाता है जिससे चेहरा साफ़ नज़र आए मगर ऐसे में बैक्ग्राउंडओवर एक्स्पोज़ हो जाता है, यानी कि बंदे के पीछे का पूरा सीन सफ़ेद हो जाता है औरउधर कुछ नज़र नहीं आता. अगर आप बैक्ग्राउंड पर टैप करेंगे तो इक्स्पोज़र कम हो जाताहै जिससे नज़ारा तो साफ़ दिखता है मगर सामने खड़ा बंदा अंडर-एक्स्पोज़ हो जाता है,यानी कि चेहरे पर अंधेरा छा जाता है.लेफ़्ट: अंडर-इक्स्पोज़्ड पिक्चर :: राइट: ओवर-इक्स्पोज़्ड पिक्चर (क्रेडिट:Mohammad Faisal/ The Lallantop)इसी चीज़ को दूर करने के लिए HDR या हाई डेफ़िनिशन रेंज इमेजिंग होती है. HDR मोडमें कैमरा अलग-अलग इक्स्पोज़र पर कई सारी पिक्चर क्लिक करता है और फ़िर उन्हें एकमें मिला देता है. इससे फ़ोटो में अंधेरे और उजाले वाली दोनों चीज़ें साफ़ नज़र आतीहैं.आइफ़ोन 12 प्रो मैक्स का एक्स्पोज़र अब आप वनप्लस वाली पिक्चर देखिए. इसमें खिड़कीके बाहर आसमान वग़ैरह ठीक से दिख रहा है. मगर आइफ़ोन 12 प्रो मैक्स वाली फ़ोटो मेंखिड़की ओवर-एक्स्पोज़ है और नज़ारा ठीक नहीं दिख रहा. आइफ़ोन ने कमरे के अंदर कीलाइटिंग के हिसाब से ब्राइटनेस वग़ैरह को अजस्ट किया. मगर इसके चक्कर में खिड़कीवाले हिस्से में बाहर से आ रही लाइट की ब्राइटनेस कुछ ज़्यादा ही हो गई. और इस वजहसे खिड़की वाले हिस्से पर सफ़ेदी छितरा गई. वनप्लस के HDR ने पिक्चर में एक्स्पोज़रको ज़्यादा अच्छे से हैंडल किया है और इसीलिए इसकी खींची हुई पिक्चर भी अच्छी दिखरही है.वाइट बैलेन्स क्या है? अपने ध्यान दिया होगा की कुछ फ़ोन की पिक्चर थोड़ी वॉर्महोती हैं यानी कि हल्का सा पीलापन होता है. ये हरियाली और सनसेट वग़ैरह बढ़ियाकैप्चर करते हैं. और कुछ फ़ोन से ली हुई फ़ोटो कूल होती हैं यानी कि हल्का सानीलापन लिए हुए होती हैं. ये आसमान और समंदर वग़ैरह की फ़ोटो बढ़िया लेते हैं. एकबढ़िया कैमरा न ज़्यादा वॉर्म पिक्चर लेता है और न ही ज़्यादा कूल. ये बीच में रहताहै. यानी कि अगर सफ़ेद सबजेक्ट की पिक्चर खींचेंगे तो वो बिलकुल सफ़ेद आएगी. नउसमें पीलापन होगा न नीलापन. इसे ही वाइट बैलेन्स कहते हैं.वॉर्म और कूल का ये उदाहरण नहीं है बस प्रो मोड में वाइट बैलेन्स की सेटिंग है.(फ़ोटो: Mohammad Faisal/ The Lallantop)आइफ़ोन के वाइट बैलेन्स को क्या हुआ? अब आप वनप्लस और आइफ़ोन वाली दोनों पिक्चर कोएक बार फ़िर से देखिए. आप नोटिस करेंगे कि आइफ़ोन 12 प्रो मैक्स वाली पिक्चर में एकनीलापन या ब्लू टिंट है, जिसकी वजह से मार्कस की स्किन और टीशर्ट का कलर कुछ अजीबसा लग रहा है. ये वाइट बैलेन्स की दिक्कत है जिसकी वजह से आइफ़ोन वाली फ़ोटो वनप्लसके सामने फीकी पड़ रही है.तो क्या आइफ़ोन 12 प्रो मैक्स का कैमरा बेकार है?ख़ैर ऐसा तो कतई नहीं है. वाइट बैलेन्स और एक्स्पोज़र के अलावा बहुत सी ऐसी चीज़ेंहोती हैं जो एक पिक्चर को अच्छा या बुरा बनाती हैं. मार्कस ने अपने टेस्ट केस्टार्ट में बताया था कि ये टेस्ट साइंटिफ़िक तो क़तई नहीं है, क्योंकि इस ब्लाइंडटेस्ट में लोग उन्हीं पिक्चर को सेलेक्ट करेंगे जो देखने में अच्छी लग रही हैं.ऐपल आईफोन 12 लाइनअप में कुल चार मॉडल हैं.अगर आप अपने फ़ोन को सोशल मीडिया या कहीं भी पोस्ट करने से पहले एडिट करते हैं तोएडिटिंग टेबल पर आपके पास बहुत सारा कंट्रोल होता है. आप इक्स्पोज़र को थोड़ा बहुततो ऐडजस्ट कर ही सकते हैं साथ में वाइट बैलेन्स तो बस एक झटके में सही हो जाता है.साथ ही पिक्चर में कलर, वायब्रन्सी, कॉनट्रास्ट, शार्पनेस वग़ैरह भी बदली जा सकतीहैं. इसीलिए जिस पिक्चर में सबसे ज़्यादा इन्फ़र्मेशन होती है वो उतनी ही अच्छीहोती है.तो इसलिए आइफ़ोन 12 वाले लोगों को इतना ज़्यादा निराश होने की भी ज़रूरत नहीं है.अगर आपका फ़ोन मन-मुताबिक़ फ़ोटो नहीं खींच रहा तो पिक्चर क्लिक करने के बाद एडिटमें 5 मिनट लगा लें. और वनप्लस 8T वाले जन बस क्लिक करते ही अपलोड कर दें.