सेल में पुराने iPhone पर झपट्टा मारने जा रहे हैं तो पहले ये काम की बात पढ़ लीजिए!
iPhone Sale: क्या सिर्फ डिस्काउंट की वजह से आपने एक साल पुराना iPhone खरीद लेना चाहिए. चलो खरीद भी लिया तो क्या बेस और प्लस मॉडल ही लेना चाहिए. क्या वाकई में पुराने मॉडल लेना फायदे का सौदा है. अगर है भी तो कौन सा मॉडल लेना ठीक रहेगा. आज इसी सवाल का जवाब तलाशते हैं.
iPhone 16 सीरीज के लॉन्च में महज कुछ दिन बचे हैं. सोमवार, 9 सितंबर को Apple Event में नए मॉडल लॉन्च होंगे. सितंबर महीने में आईफोन लॉन्च होना एक परंपरा जैसा है. इसलिए इसके ऊपर फोकस तो होता है मगर असल फोकस होता है पुराने आईफोन पर. इधर, नया फोन आने की आहट हुई नहीं कि पुराने आईफोन के दाम कम हो जाते हैं. हालांकि, ऐसा हर मॉडल के साथ नहीं होता. मतलब प्रो और प्रो मैक्स मॉडल पर कोई खास बचत नहीं होती. मगर बेस मॉडल और प्लस मॉडल में काफी डिस्काउंट देखने को मिलता है.
लेकिन क्या सिर्फ इस वजह से आपने आईफोन खरीद लेना चाहिए? चलो खरीद भी लिया तो क्या बेस और प्लस मॉडल ही लेना चाहिए? क्या वाकई में पुराने मॉडल लेना फायदे का सौदा है. अगर है भी तो कौन सा मॉडल लेना ठीक रहेगा. आज इसी सवाल का जवाब तलाशते हैं.
iPhone 12, 13, 14 नहीं लेनाअगर आपको लग रहा कि पढ़ने की जरूरत नहीं. iPhone 15 लेना है तो तनिक धीरज धरो मेरे धीरज कुमार. 12, 13, 14 की गिनती इसलिए पढ़ दी क्योंकि रेंज बहुत लंबी है और सबके बारे में अलग से लिखना बोरिंग है. मुश्किल नहीं है क्योंकि वैसे कोई खास बदलाव हर साल होता नहीं. अब ये सीरीज क्यों नहीं लेनी चाहिए, उसके कारण बता देते हैं. आगे आपका फैसला. बिकॉज योर मनी इस योर मनी.
# चार्जिंग पोर्ट- iPhone 15 से पहले तक चार्जिंग को लेकर एप्पल की अपनी अकड़ थी. दुनिया टाइप-सी पोर्ट पर सालों पहले शिफ्ट हो गई थी मगर एप्पल लाइटनिंग पोर्ट का झुनझुना पकड़े हुए था. भला हो यूरोपियन यूनियन का जिसके दवाब में कंपनी को टाइप-सी पर आना ही पड़ा. आईफोन 15 में टाइप-सी सिर्फ एक बदलाव ही नहीं है बल्कि बहुत बड़ा सुकून है. एक चार्जर लो और उसे किसी भी डिवाइस में खोंस दो. ऐसे में अगर पुराना आईफोन लिया तो एक चार्जर अलग से लटकाकर घूमना पड़ेगा.
# रिफ्रेश रेट- यहां भी एप्पल ने एप्पल जैसे काम किया. दुनिया भर की लानत-मलानत झेलने के बाद कंपनी ने 60 हर्ट्ज रिफ्रेश रेट को तज तो दिया मगर अपने तरीके से. 120 हर्ट्ज रिफ्रेश रेट मिलेगा मगर प्रो और प्रो मैक्स मॉडल में. बेस और प्लस मॉडल भले 15 सीरीज का क्यों नहीं हो. रिफ्रेश रेट 60 ही रहेगा. हालांकि, एक एप्पल जबर फैन से पूछेंगे तो वो कहेगा कि हमारा 60 एंड्रॉयड के 120 से स्मूथ है. मगर ये फैन मोमेंट है. रिफ्रेश रेट का फर्क साफ दिखता है. जिसने भी एक बार इसको चलाया है उसे अंतर साफ पता है. दुख और भी हैं. जहां 120 हर्ट्ज रिफ्रेश रेट के लिए आईफोन में आज भी 1 लाख से ऊपर खर्च करना पड़ेगा. वहीं एंड्रॉयड में ये 10 हजार रुपये के फोन में भी फड़फड़ाता है.
# आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- सॉरी एप्पल इंटेलिजेंस जो 14 सीरीज तक के किसी भी आईफोन में नहीं मिलने वाला. भले वो बेस मॉडल हो या प्रो मैक्स. दरअसल Apple Intelligence फीचर्स को रन करने के लिए आईफोन में 6 जीबी रैम और A17 प्रो चिपसेट की जरूरत होगी. जो इसमें से किसी में नहीं है.
मतलब अगर आप AI की नाव पर सवार होने का मन बना रहे हैं तो पुराने आईफोन, नक्को रे बाबा! तो क्या आईफोन 15 लेना सही रहेगा?
हाथ आया लेकिन मुंह नहीं लगाआईफोन 15 और 15 प्लस लेने से सिर्फ चार्जिंग का झंझट दूर होगा. लेकिन रिफ्रेश रेट और Apple Intelligence नहीं मिलने वाला. रिफ्रेश रेट की कहानी पुरानी है और Apple Intelligence के लिए जरूरी 6 जीबी रैम और A17 प्रो चिपसेट भी सिर्फ प्रो और मैक्स मॉडल में है. पता है-पता है. अब आप कहोगे तो क्या सिर्फ आईफोन 16 लेना चाहिए?
शायद हां और शायद नाएक बात तो पक्की है कि आईफोन 16 सीरीज के हर मॉडल में Apple Intelligence और टाइप-सी पोर्ट मिलेगा. मगर रिफ्रेश रेट को लेकर अभी भी संदेह है. हालांकि खबरों के मुताबिक, कंपनी प्लस मॉडल भी इसके बाद नहीं लॉन्च करेगी तो रिफ्रेश रेट का पंगा भी खत्म हो जाएगा. लेकिन नया बेस आईफोन 16 लेने से अच्छा 15 प्रो और 15 प्रो मैक्स मॉडल को देखा जाए. आईफोन 16 का बेस मॉडल 80 हजार के अल्ले-पल्ले मिलेगा.
वहीं 15 प्रो कार्ड वगैरा लगाकर 1 लाख के अल्ले-पल्ले. इसमें सब मिलेगा मतलब रिफ्रेश रेट, टाइप-सी और Apple Intelligence. हालांकि, ये बेस मॉडल से काफी ज्यादा है मगर आईफोन मतलब अगले 3 साल की पूरी और 5 साल की आधी छुट्टी. दूसरा पिछले साल का प्रो मॉडल इस साल के बेस और प्लस से किसी भी दिन बेहतर होगा.
वैसे आपको क्या फीचर्स चाहिए और कितना पैसा खर्च करना है, वो सिर्फ आप तय कर सकते हैं. आपको लगे तो आईफोन 11 भी खरीद लीजिए. बस 5G नहीं चलेगा. बाकी फीचर्स. ही ही ही
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