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स्मार्टफोन पर तंग करते हैं उल्टे-सीधे विज्ञापन? ये वाली ID डिलीट कर दो, लाइफ झिंगालाला हो जाएगी

हम बात कर रहे हैं स्मार्टफोन के अंदर बने हमारे ID की. तकनीक की जुबान में इसे Advertising ID कहा जाता है. सीधे सपाट लहजे में कहें तो डिजिटल दुनिया में हमारी कुंडली. पढ़ने में भले अच्छा सा लगे लेकिन ये वाला आईडी नहीं हो तो ही अच्छा रहेगा. क्यों? हम बताते हैं.

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An advertising ID is a unique, user-resettable identifier that's assigned to a mobile device or operating environment to help advertising services personalize their offers.
ये वाला आईडी खतरनाक है
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सूर्यकांत मिश्रा
18 जून 2024 (Published: 14:25 IST)
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पहचान पत्र या ID नाम पढ़कर सबसे पहले किस चीज का ख्याल आता है. अगर आप भारत में रहते हैं तो मुमकिन है आधार कार्ड का. हालांकि ये कोई अकेला दस्तावेज नहीं है जो भारत में किसी की पहचान के काम आता है. वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कई और दस्तावेज भी इसी काम आते हैं. देश के हिसाब से आपका ID कुछ भी हो सकता है मगर एक और ID है जो दुनिया-जहान के हर शख्स का एक जैसा होता है. इसकी आईडी का कोई बॉर्डर नहीं मगर इसका होना एक बहुत बड़ी बॉर्डर जरूर है.

हम बात कर रहे हैं स्मार्टफोन के अंदर बने हमारे ID की. तकनीक की जुबान में इसे Advertising ID कहा जाता है. सीधे सपाट लहजे में कहें तो डिजिटल दुनिया में हमारी कुंडली. पढ़ने में भले अच्छा सा लगे लेकिन ये वाला आईडी नहीं हो तो ही अच्छा रहेगा. क्यों? हम बताते हैं.

पहचान नहीं प्रोफ़ाइल है

इसके नाम में ही सब कुछ छिपा हुआ है. Advertising ID मतलब विज्ञापन पहचान पत्र. ये हर स्मार्टफोन यूजर की एक यूनीक पहचान है जिसकी बदौलत आपकी और हमारी प्रोफ़ाइल तैयार की जाती है. फोन इस्तेमाल करते समय हमारे व्यवहार को समझा जाता है. मसलन हम गूगल पर क्या सर्च कर रहे या इंस्टा पर किस किस्म की रील देख रहे. कौन से कपड़े पहनना पसंद है या कैसा खाना खाते हैं. जाहिर सी बात है इसके बारे में पूरी सर्च फोन पर होती है. इसी गतिविधि को ट्रैक करके एक प्रोफ़ाइल तैयार होती है.

सांकेतिक तस्वीर 

इस प्रोफ़ाइल को फोन पर विज्ञापन देने वाले से साझा किया जाता है. इसी वजह से मेरे फोन पर मुझे कुत्तों के खाने के विज्ञापन ज्यादा दिखाई देते हैं तो मेरे भाई को लेटेस्ट वाली बाइक के. हालांकि इसमें कोई बुराई नहीं क्योंकि तकरीबन सारी सर्विस मुफ़्त हैं तो फिर गूगल बाबा या एप्पल अंकल पैसा कहां से कमाएंगे. मगर बुराई इसमें से है कि इस ट्रेकिंग की वजह से हमारा बहुत सारा डेटा कंपनियों के पास सेव हो जाता है. अच्छाई और बुराई के बीच एक जुगाड़ भी है. जिसकी मदद से Advertising ID या डिजिटल कुंडली को डिलीट किया जा सकता है. लेकिन ये कोई स्थाई इलाज नहीं है मगर कारगर जरूर है. क्योंकि गूगल और एप्पल से इतर ऐप्स भी हमें और आपको ट्रेक करते ही हैं. मगर इस आईडी को वक्त-वक्त पर डिलीट करते रहेंगे तो स्क्रीन पर बिलबिलाने वाले विज्ञापनों से काफी हद तक छुटकारा मिला रहेगा. क्योंकि जो एक बार डिलीट कर दी तो फिर इसके बनने में बहुत टाइम जो लगता है. कैसे करना है डिलीट वो जान लीजिए.

iPhone में

# सेटिंग्स में Privacy & Security का ऑप्शन नजर आएगा

# Tracking मिलेगा इसके अंदर

# Allow Apps to request to track ऑप्शन नजर आएगा

# इसको बंद ही कर दीजिए

# स्क्रीन पर Ask Apps to stop tracking चुन लीजिए

इसके बाद उंगलियों को नीचे की तरफ सरकाते हुए Apple Advertising पर टैप कीजिए

# यहां Personalised Ads को भी ऑफ कर दीजिए.

Android में

# Security and privacy ऑप्शन में जाइए

# अंदर Privacy का ऑप्शन मिलेगा

# इसके अंदर एकदम नीचु की तरफ Ads का ऑप्शन दिखेगा

# इसके अंदर मिलेगा Delete Advertising ID

स्थाई इलाज ना सही लेकिन कहते हैं ना " ना मामा से काना मामा अच्छा" 

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