आज के टाइम पर स्मार्टफ़ोन के प्रोसेसर बहुत आगे पहुंच चुके हैं. मोबाइल चिप बनानेवाली कंपनियां अपने फ्लैगशिप प्रोसेसर लॉन्च करते हुए बताती हैं कि ये पिछले वालेसे कितना तेज़ है. मगर नई और पुरानी दोनों ही चिप की स्पीड और परफॉरमेंस इतनीज़बरदस्त होती है कि मोबाइल पर रोज़-मर्रा के काम करने में इस फ़र्क का अहसास तक नहींहोता. भारी-भरकम काम में भी फ़र्क नहीं जान पड़ता. जब इनकी हवा निकालने की नीयत सेइनको रगड़ा जाता है, तब जाकर दोनों में कुछ हल्का-फुल्का फ़र्क मालूम पड़ता है.बजट और मिड-रेंज फ़ोन भी आजू-बाजू परफॉरमेंस वाली चिप के साथ आते हैं. इनके बीच भीये तय करना मुश्किल हो जाता है कि कौन सा डिवाइस ज़्यादा फ़ास्ट है. इस फ़र्क को पताकरने के लिए बहुत ही इंटेन्स टेस्टिंग करनी पड़ती है. फ़ोन के ऊपर दुनिया भर काप्रेशर डालना पड़ता है, कॉल ऑफ ड्यूटी और गेनशिन इम्पैक्ट जैसे ग्राफिक-हेवी गेमलगातार दो-दो घंटे खेलने पड़ते हैं, तब जाकर दोनों फ़ोन की परफॉरमेंस का फ़र्क मालूमपड़ पाता है. मगर एक तरीका है जो मिनटों में ही इन फ़ोन को बहुत सारे पैमानों परनापकर इसके CPU, GPU, RAM और दूसरी चीजों को रेटिंग दे देता है और इस काम को आसानबना देता है. क्या है ये, कैसे काम करता है और आप अपने फ़ोन की परफॉरमेंस को दूसरेफ़ोन से कैसे नाप सकते हैं. यही बताएंगे हम यहां पर.बेंचमार्क ऐपमार्केट में बहुत सारे बेंचमार्क ऐप हैं. इनका काम है कि ये फ़ोन के अंदर लगे हुएपार्ट्स की टेस्टिंग करते हैं और इनको एक स्कोर देते हैं. इस स्कोर को दूसरे फ़ोन सेमिलाकर हम ये तय कर सकते हैं कि दोनों में से बेहतर कौन है. आप अपने पर्सनल सैमसंगगैलेक्सी S20 फ़ोन पर बेंचमार्क टेस्ट चलाकर स्कोर देख सकते हैं और फ़िर इंटरनेट परआईफोन 11 का स्कोर देखकर जान सकते हैं कि आपका डिवाइस कितना पीछे है. आपको बसबेंचमार्क ऐप को गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से इंस्टॉल करना होता है और अपनेफ़ोन में खोलकर टेस्ट स्टार्ट करने वाला बटन दबा देना होता है. टेस्ट चालू हो जाताहै और कुछ देर के बाद आपको स्कोर मिल जाता है.Antutu ने अलग-अलग प्रोसेसर का बेंचमार्क चार्ट निकाला था. (फ़ोटो: Antutu)इस स्कोर को निकालने के लिए बेंचमार्क ऐप फ़ोन को वो काम देते हैं, जो इनको इनकी हदतक पहुंचा देता है. ये टेस्ट ऐसे डिजाइन किए जाते हैं कि ये फ़ोन की स्पीड, ग्राफिकपरफॉरमेंस, रैम की पावर के साथ-साथ दूसरी चीजें भी नाप डालते हैं. मगर सिर्फ़ एक हीऐप ये सारे काम नहीं करता. इसी वजह से हमारे पास कई सारे बेंचमार्क ऐप हैं, जोअलग-अलग चीजों को नापते हैं. हम ऐसे ही कुछ ऐप के बारे में आपको बता रहे हैं. आप इनऐप को अपने फ़ोन में इंस्टॉल कर के इसे दूसरों के फ़ोन से नाप सकते हैं.ANTUTUAntutu के डाटाबेस में पड़े हुए टेस्ट स्कोर.बेंचमार्क के नाम पर पहला नाम AnTuTu (आंटुटु) का आता है. ये बेचमार्क ऐप फ़ोन कासॉफ्टवेयर, GPU, RAM, CPU, I/O समेत दूसरी बहुत सी चीजें चेक करता है. हर चीज़ काअलग से टेस्ट होता है और स्कोर मिलता है. फ़िर इन सारे स्कोर को मिलाकर एक फाइनलस्कोर बनता है. ये स्कोर आंटुटु के डाटाबेस में भी जुड़ जाता है. इसी डाटाबेस की मददसे आप अपने फ़ोन के आंटुटु स्कोर को दूसरे फ़ोन के स्कोर से मिला सकते हैं.GEEKBENCHGeekbench के डाटाबेस में पड़े हुए टेस्ट स्कोर.आंटुटु के बाद बेंचमार्क ऐप में Geekbench (गीकबेंच) का नाम आता है. ये आपके फ़ोन केCPU या प्रोसेसर पर ऐसे टेस्ट चलाता है, जो असली में फ़ोन इस्तेमाल करने पर फ़ोन कोझेलने पड़ते हैं. ज़्यादातर फ़ोन के प्रोसेसर में अब आठ-कोर होते हैं. इनको प्रोसेसरके हाथ समझिए. एक वक़्त पर एक कोर अपनी क्षमता के हिसाब से ही काम कर पाता है. एकसाथ ज़्यादा काम संभालने के लिए ज़्यादा कोर इस्तेमाल होते हैं. गीकबेंच आपके फ़ोन केसिंगल और मल्टी-कोर परफॉरमेंस को नापता है. पहले गीकबेंच बस CPU की पावर नापता थामगर अब इसका नया वर्ज़न GPU भी नापता है.GFXBENCH GLGfxbench के डाटाबेस में पड़े हुए टेस्ट स्कोर.GFXBench एक गेमिंग बेंचमार्क ऐप है. इसकी मदद से आप अपने फ़ोन की गेमिंग की ताक़तनाप सकते हैं. ये फ़ोन की ग्राफिक परफॉरमेंस नापता है, रेंडर क्वालिटी देखता है,ज़्यादा देर तक गेम खेले जाने पर परफॉरमेंस कितना गिर रही है, बैटरी कितनी खत्महो रही है, वग़ैरह-वग़ैरह. इसके टेस्ट में मोशन ब्लर और HDR टोन मैपिंग जैसी टेक्निकलचीजें भी जुड़ी रहती हैं. इनको इतना गहराई में उतरकर जानने की ज़रूरत नहीं है. बसइतना जान लीजिए कि इधर फ़ोन के गेमिंग का सब कुछ नप जाता है.इनके अलावा Vellamo और 3DMark भी अच्छे बेंचमार्क टूल हैं. मगर आप चाहें तो बसAnTuTu, Geekbench और GFXBench के बेंचमार्क की मदद से ही अपने फ़ोन की परफॉरमेंस कोअच्छे से नाप सकते हैं.एक दुविधा भी हैबेंचमार्क टेस्ट हैं तो बड़े काम की चीज़, मगर इनपर आप आंख बंद करके भरोसा नहीं करसकते. ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार फ़ोन बनाने वाली कंपनियां और चिप बनाने वालीकंपनियां बेंचमार्क स्कोर के साथ चीटिंग करते हुए पकड़ी गई हैं. ये अपने सिस्टम मेंकुछ ऐसा जुगाड़ भिड़ा लेते हैं, जिसकी मदद से इनका स्कोर ज़्यादा आ जाता है. बेंचमार्कऐप इसकी जांच किया करते हैं, मगर इन कांड की वजह से फ़ोन रिव्यू करने वाले अबबेंचमार्क स्कोर पर निर्भर नहीं रहते. हां मगर मोबाइल कंपनियां और चिप बनाने वालीकंपनियां अभी भी इन स्कोर को अपने फ़ोन की मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल करती हैं. अगरआप खुद ये टेस्ट कर रहे हैं, तो कभी एक बेंचमार्क ऐप पर अटक कर मत रुकिए. कम से कमदो तीन ऐप के स्कोर का मिलान करिए.