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आपके इलाके में 2G, 3G, 4G, 5G है या नहीं, अब सारे 'G' मैप पर नजर आएंगे

देश का बहुत बड़ा हिस्सा 5G सर्विस के दायरे में है. मगर अभी भी स्पीड का मीटर 2G, 3G, 4G, 5G के बीच में झूलता है. एक पल के लिए फास्ट 5G मिलता है, तो अगले ही सेकंड स्पीड 4G हो जाती है. ऐ जी, ओ जी, सुनो जी, और 5G की इसी दिक्कत का एक इलाज TRAI लेकर आया है.

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TRAI mandates telecom operators to publish coverage maps of 2G, 3G, 4G, 5G
अब मैप पर दिखेगा 2G, 3G, 4G, 5G
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सूर्यकांत मिश्रा
27 नवंबर 2024 (Published: 08:11 IST)
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मोबाइल सर्विस देश में आने में भले दशकों लगे हों. 2G से 3G और फिर 4G पर पहुंचने में सालों लगे हों, मगर आज की तारीख़ की लेटेस्ट तकनीक 5G के साथ ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. 5G सर्विस को लांच हुए अभी दो साल ही हुआ है. मगर देश का बहुत बड़ा हिस्सा तेज गति की डेटा सर्विस के दायरे में है. साल के आखिर तक मतलब बचे कुछ दिनों में देश की 95 फीसदी आबादी 5G स्पीड पर फर्राटा भर रही होगी. पढ़ने में ये सब वाक़ई अच्छा लगता है. मगर क्या सब असल में तेज चल रहा है. नहीं जी,

अभी भी स्पीड का मीटर 2G, 3G, 4G, 5G के बीच में झूलता है. एक पल के लिए फास्ट 5G मिलता है तो अगले ही सेकंड स्पीड 4G हो जाती है. कदम दो कदम चले तो पता चलता है कि मीटर सीधे 2G पर आ गया. लगता जैसे इंटरनेट अंकल सो गए. ऐ जी, ओ जी, सुनो जी, और 5G की इसी दिक्कत का एक इलाज TRAI लेकर आया है.

सारे G मैप पर दिखाने होंगे

नेटवर्क की स्पीड कम और ज्यादा हो सकती है. नेटवर्क की उपलब्धता मतलब डंडे कम और ज्यादा होना कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसा कई कारण से हो सकता है. आप किसी बिल्डिंग के बेसमेंट में हो या फिर जहां आप खड़े, वहां मोबाइल टॉवर नहीं लगा हो. लेकिन कितना अच्छा रहे कि जो हमें पता चल जाए की फ़लाँ जगह कौन सी स्पीड मिलेगी. एकदम गूगल मैप के जैसे जिसमें स्क्रीन पर ट्रैफिक के साथ पेट्रोल पंप, हॉस्पिटल और सनीमा हॉल दिख रहा होता है. TRAI मतलब Telecom Regulatory Authority of India ने इसका एक फौरी इलाज निकाला है.

TRAI mandates telecom operators to publish coverage maps of 2G, 3G, 4G, 5G
TRAI का आदेश 

TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वो मैप पर हर किस्म के नेटवर्क की उपलब्धता के बारे में बतायें. माने कि जहां आप रहते हैं या जिधर आप खड़े हैं, वहां 2G, 3G, 4G, 5G में से कौन सा नेटवर्क मिल रहा है. ये कोई सुझाव नहीं है बल्कि टेलीकॉम कंपनियों के लिए ऐसा करना अनिवार्य होगा. उन्हें अपने ऐप पर नेटवर्क की उपलब्धता के बारे में दिखाना ही होगा.

ऐसा करने से क्या जीवन में गति आ जाएगी. नहीं भी और हां भी क्योंकि इससे डेटा की स्पीड तो नहीं बढ़ेगी मगर थोड़ी सुविधा जरूर हो जाएगी. आपको पता होगा कि इधर तो स्पीड 3G है और 50 मीटर पर 5G. तो अगर वाकई में गरारी फँस गई है तो थोड़ा सरक लीजिए. जब तक 5G हर कोने-कूचे में सच्ची में नहीं पहुंच जाता.

हैप्पी रीलिंग  

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