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स्मार्टफोन हो रहा है बार-बार हैंग तो ये उपाय आपके लिए हैं...

स्मार्टफोन हैंग होना बहुत आम है.

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स्मार्टफोन हैंग होने की समस्या बेहद ही आम है. (image:memegenerator)
29 मार्च 2022 (Updated: 29 मार्च 2022, 16:16 IST)
Updated: 29 मार्च 2022 16:16 IST
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क्या आपका मोबाइल बार-बार हैंग होता है? इस सवाल के दो जवाब हो सकते हैं. पहला यदा-कदा और दूसरा हमेशा. अब कोई ये कहे कि उसका फोन कभी हैंग नहीं होता तो उनको भाग्यशाली ही माना जाएगा. स्मार्टफोन हैंग होने और स्क्रीन फ्रीज़ होने की समस्या आम है. पावरफुल ग्राफिक्स वाले गेम खेलते समय या फोटो क्लिक करते वक्त स्क्रीन फिक्स हो जाने की दिक्कत से हम सभी कभी ना कभी दो चार हुए होंगे.
अब ऐसा स्मार्टफोन की मेमोरी (RAM) मैनेजमेंट के सही नहीं होने से लेकर किसी मालवेयर ऐप्स की वजह से हो सकता है. सॉफ्टवेयर और ऐप्स अपडेट नहीं होना भी एक कारण हो सकता है. अब कारण खोजने निकलेंगे तो डिबेट अनंत काल तक खत्म नहीं होगी. इसलिए फोकस इस बात पर करते हैं कि इस समस्या (smartphone hang and screen freeze) से बचा कैसे जाए. ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट रेजुवेनेट शब्द से आप परिचित होंगे. छुट्टियां लेकर परिवार के साथ कहीं घूमने जाने से लेकर सोलो ट्रेवलिंग तक. तमाम तरीके अपनाते हैं हम खुद को रेजुवेनेट करने या कहें तरो-ताजा रखने के लिए. ऐसे ही रेजुवेनेट की जरूरत आपके स्मार्टफोन को भी होती है. और स्मार्टफोन का रेजुवेनेशन होता है ऑपरेटिंग सिस्टम के अपडेट से. आमतौर पर सभी स्मार्टफोन कंपनियां कम से कम दो साल तक लेटेस्ट अपडेट देती हैं. यकीन मानिए यदि आपका स्मार्टफोन अपडेटेड है तो बहुत सी दिक्कतें होती ही नहीं है. साल भर में एक बार आने वाला बड़ा अपडेट पूरी प्रोसेस को फॉलो करके आता है. कंपनियां स्मार्टफोन के व्यवहार को रीड करती हैं और नए अपडेट को पुश करके कमियों को दूर करने की कोशिश करती हैं. ऐसे में अपडेट करना बेहद जरूरी होता है. फोन की सेटिंग्स में जाकर चेक करिए या फिर गूगल पर देखिए कि आपके फोन के लिए कोई अपडेट तो नहीं आया है. अपडेट आपके स्मार्टफोन को स्मूथ तो बनाएगा ही, साथ में गूगल और ऐप्पल जो नए फीचर्स डेवलप करते हैं वो भी इस्तेमाल करने को मिल जाएंगे. ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट के साथ सिक्योरिटी अपडेट्स का भी ध्यान रखिए. कंपनियां हर महीने से लेकर तीन महीने में सिक्योरिटी अपडेट्स पुश करती हैं तो उनको भी चेक करते रहिए. अब आपके मन में ये सवाल होगा कि कई बार अपडेट्स से भी दिक्कत होती है. आप सही हैं. लेकिन ऐसा गाहे-बगाहे होता है और वो सिर्फ आपके साथ नहीं बल्कि ग्लोबली होता है. कंपनियां इसको ठीक करने में देर नहीं करती हैं.
Operating System Update(image Android)
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ऐप्स अपडेट ऑपरेटिंग सिस्टम का अपडेट तो साल में एक बार आता है लेकिन ऐप्स जल्दी-जल्दी अपडेट होते हैं. कारण तकरीबन वही हैं. मतलब बात चाहे बग्स फिक्स करने की हो या स्मूथ प्रोसेस की. ऐप्स अपडेट करने के लिए आप चाहें तो ऑटो अपडेट फीचर की मदद ले सकते हैं. iOS और एंड्रॉयड दोनों में ऐसा किया जा सकता है. खुद गूगल प्ले या ऐप स्टोर में जाकर ऐसा करना है तो वो ऑप्शन भी कोई बुरा नहीं है. बेकार और सिर्फ त्योहार पर काम आने ऐप्स को डिलीट करना एक आदत बना लीजिए. एक साथ बहुत सारे ऐप्स को ओपन रखना भी कई बार हैंग होने का कारण बनता है. वैसे आजकल स्मार्टफोन समझदार हो गए हैं और ऐप इस्तेमाल में नहीं होने पर उसको हाइबरनेशन में डाल देता है, लेकिन ऐसा हर फोन में हो वो भी जरूरी नहीं. बेहतर होगा कि ऐप को बंद ही कर दिया जाए.
Kepp Apps Updated(image Pexels)
kepp apps updated(image Pexels)
रैम और स्टोरेज मैनेजमेंट अब एक स्मार्टफोन में रैम कितनी होनी चाहिए वो बहस का मुद्दा है. कई कम रैम वाले स्मार्टफोन सरपट दौड़ते हैं तो दूसरी तरफ भारी-भरकम रैम वाले स्मार्टफोन्स को एक पावरफुल गेम के सामने हांफते देखा गया है. लेकिन रैम मैनेजमेंट को स्मार्टफोन की परफॉर्मेंस से जोड़ा जरूर जाता है. ऐसे में रैम मैनेजमेंट सर्वोपरि होना चाहिए. अगर आपके हैंडसेट में किसी खास पावरफुल गेम्स को चलाने की क्षमता नहीं है तो बेवजह उस गेम को डाउनलोड करके अपने फोन की जान लेने की क्या ज़रूरत.
Ram Management (image Pixels)
Ram Management (image Pixels)

फोन की सेटिंग्स में जाकर भी रैम को क्लीन किया जा सकता है. यहां पर आपको ज्यादा रैम की खपत करने वाले ऐप्स भी नजर आ जाएंगे. अब ऐसा रोज-रोज नहीं करना है लेकिन हफ्ते दस दिन में एक बार नजर मार लीजिए और cache मेमोरी को क्लीन कर दीजिए. एक बात का ख्याल रखिए कि आपको किसी थर्ड पार्टी ऐप की जरूरत नहीं है. स्मार्टफोन के रैम मैनेजमेंट सिस्टम पर भरोसा रखिए.
फ़ाइल मैनेजर में जाकर गैर जरूरी फाइल्स को डिलीट करना भी कोई बुरा आइडिया नहीं है. अब बात स्टोरेज की. स्टोरेज 64 जीबी है तो इसका मतलब ये नहीं कि हर जीबी का हिसाब ले लिया जाए. ऐसा देखा जाता है कि यदि स्मार्टफोन की स्टोरेज 80-90 प्रतिशत तक खत्म हो गई है तो वो थोड़ा धीमा होने लगता है. बचने के लिए फोटो से लेकर वीडियो तक का बैकअप लेकर उनको हार्डडिस्क या किसी दूसरे स्टोरेज डिवाइस में स्टोर करना भी अच्छी प्रेक्टिस है. वॉट्सऐप भी बहुत स्टोरेज की खपत करता है. अगर जरूरी नहीं है तो उसका बैकअप बंद कर दीजिए. रखना भी है तो उसका तरीका हमने आपको पहले बताया
है. ज़्यादा गर्मी भी खतरनाक वीडियो देखते समय या गेम खेलते समय फोन की सरफेस गरम होना स्वाभाविक है. लेकिन ये हद से ज्यादा हो रहा है तो आपके लिए खतरे की घंटी है. गरम होने से फोन हैंग होगा ये सबको पता है. अब इसका कारण ऊपर बताई गई बातें भी सकती हैं, लेकिन सबसे बड़ा फैक्टर हीट होती है. हीट शायद स्मार्टफोन को कार के डैशबोर्ड पर सीधे सूरज की रोशनी में छोड़ने से हो सकती है या फिर चार्जिंग पैटर्न भी इसकी वजह हो सकता है. घटिया क्वालिटी वाले चार्जर और केबल से बचें. यदि कंपनी से आए चार्जर के साथ भी ऐसी दिक्कत आ रही तो बिना देर किए आधिकारिक सर्विस सेंटर का रुख करें.
Heat Issue(image Pexels)
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फैक्ट्री रीसेट वैसे तो ये स्मार्टफोन की ज्यादातर बीमारियों का रामबाण इलाज है, लेकिन इसका उपयोग सबसे आखिर में करना बेहतर होगा. अगर रीस्टार्ट से काम चल जाएगा तो पहले वो करके देखिए. हर 15 दिन में फोन को एक बार स्विच ऑफ करना बहुत काम आ सकता है. फोन बेचारे को भी ब्रीदिंग स्पेस चाहिए. इसी बहाने आपको भी परिवार के साथ थोड़ा टाइम मिल जाएगा. इतना सब करने के बाद भी स्मार्टफोन हैंग होने से बाज नहीं आ रहा तो फैक्ट्री रीसेट वाला विकल्प ही बच जाता है. बस एक बात का ख्याल रखिए कि ऐसा करने से पहले अपने स्मार्टफोन का बैकअप जरूर ले लें, क्योंकि फैक्ट्री रीसेट होते ही पूरा डेटा सफाचट हो जाएगा.

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