क्या 'बैटरी सेवर मोड' सच में काम आता है या फोन का बैंड बजा देता है?
बहुत तगड़ा लोचा है!
पावर सेविंग मोड, बैटरी सेविंग मोड, अल्ट्रा पावर सेविंग, और पता नहीं कितने नाम हैं. हम बात कर रहे हैं स्मार्टफोन के शानदार जबरदस्त जिंदाबाद टाइप फीचर की. अब ऐसा इसलिए क्योंकि इसका काम ही यही है. मतलब, ऐसा हम मानते हैं कि पावर सेविंग मोड (Power Saving Mode In Smartphone) बैटरी बचाता है. मुसीबत में काम आता है इत्यादि. लेकिन वास्तव में ऐसा है क्या? शायद नहीं भी और हां भी. आपको लगेगा क्यों, तो जनाब हम आपको बता देते हैं. अच्छा या बुरा आप तय कर लीजिए.
अब जैसे हमने कहा है तो कमाल का फीचर. मतलब अगर बैटरी कम है और आपके पास चार्ज करने का कोई जुगाड़ नहीं है, तो ये फीचर बहुत काम आएगा. लेकिन कहते हैं ना, हर चीज की एक कीमत होती है. यहां भी 'बैटरी सेविंग मोड' बैटरी की कीमत पर ही काम करता है. कैसे? उसके लिए जरा समझते हैं आखिर ये मोड कैसे काम करता है.
अपने नाम के मुताबिक, जैसे ही आप इस फीचर को ऑन करते हैं या फिर बैटरी कम होने पर स्क्रीन पर दिख रहे पॉप अप को ओके करते हैं, तो बैक ग्राउन्ड ऐप्स प्रोसेस बंद हो जाती है. ब्लूटूथ बंद तो GPS भी ऑफ. स्क्रीन रिफ्रेस रेट भी नीचे हो जाता है. वाईब्रेशन या तो बंद हो जाता है या फिर लो हो जाता है. ब्राइटनेस कम या लॉक हो जाती है. अधिकतर नोटिफिकेशन से लेकर स्क्रीन एनीमेशन तक कई सारी प्रोसेस या तो बंद हो जाती हैं या फिर लिमिट में चलती हैं. अब आपको लगेगा, ऐसा करने से तो फोन पर लोड कम हो जाता होगा. लेकिन होता इसका उल्टा है. फोन का पूरा मैकेनिज़्म बैटरी बचाने में लग जाता है.
तकनीक की भाषा में कहें तो थ्रोटलिंग. इतना ही नहीं, बल्कि बैटरी को मॉनिटर करने वाले कई सारे सेंसर भी काम करना बंद कर देते हैं. अभी रुकिए, कहानी यहां खत्म नहीं होती. एक बार जो बैटरी सेवर ऑन हुआ, तो आमतौर पर चार्जिंग करने पर ऑफ नहीं होता. मतलब होता है लेकिन जब बैटरी 80-90 प्रतिशत पहुंच जाती है. तब तक पीला वाला बार ही दिखता है.
अब सोचिए, इतनी देर बैटरी पर क्या बीतती होगी? बैटरी सेवर से आपको ज्यादा से ज्यादा 10-15 प्रतिशत ही एक्स्ट्रा माइलेज मिलता है, लेकिन बदले में कितना कुछ जाता है.
आखिर में हम यही कहेंगे कि बैटरी सेवर हमेशा इस्तेमाल ना करें. अगर सच में जरूरत है, तो कभी कभार ठीक है लेकिन हमेशा नहीं. आप बची हुई बैटरी में घर पहुंच सकते हैं या फिर चार्जिंग का जुगाड़ कर सकते हैं, तो फिर ऑन ही मत कीजिए. एक खास बात. बैटरी सेवर तकनीक एंड्रॉयड और आईफोन दोनों में एक जैसे ही काम करती है तो फोन कोई सा भी हो, जरा संभलकर.
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