The Lallantop
Advertisement

Shark Tank: बढ़िया प्रोडक्ट और कई सारे अवॉर्ड फिर भी फंडिंग की जगह मिली जजों से लताड़, क्यों?

Shark Tank India Season 3 के इस एपिसोड में पुणे से आए सत्यजीत मलिक. सत्यजीत बच्चों के जूते बनाते हैं. सिर्फ जूते बनाते नहीं बल्कि पेरेंट्स की एक बड़ी दिक्कत दूर करने का दावा भी करते हैं.

Advertisement
Aretto on Shark Tank India Season 3 episode aired on 29 January 2024. Satyajit presented his business and products to the Sharks. He asked for Rs 80 lakh in exchange for 1% equity. There was a quite misunderstanding between the founder and the sharks that ultimately led to out all the sharks of the deal.
शार्क से झूठ नहीं बोलने का (तस्वीर:शार्क टैंक)
pic
सूर्यकांत मिश्रा
30 जनवरी 2024 (Updated: 30 जनवरी 2024, 13:14 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

आपके पास बच्चों से जुड़ा एक बेहद जरूरी प्रोडक्ट है. एक शार्क आपके प्रोडक्ट को पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं. आपकी पिच बड़ी इंप्रेसिव है. सारे शार्क आपको बढ़िया सेल्समेन बोल रहे हैं. फिर भी आपको एक पैसे की फंडिंग नहीं मिलती. फंडिंग तो दूर आपको तो रिस्पेक्ट भी नहीं मिलती जो आमतौर सारे पिचर्स को मिलती है. बात हो रही है Shark Tank India Season 3 के छठवें एपिसोड में आए फुटवेयर ब्रांड Aretto की. शानदार ओपनिंग के साथ पिच स्टार्ट हुई मगर बाद में सब गुड़-गोबर हो गया. सब बताते हैं.

शार्क टैंक इंडिया सीजन 3 के इस एपिसोड में पुणे से आए सत्यजीत मलिक. सत्यजीत बच्चों के जूते बनाते हैं. सिर्फ जूते बनाते नहीं, बल्कि पेरेंट्स की एक बड़ी दिक्कत दूर करने का दावा भी करते हैं. दरअसल बच्चों के जूतों के साथ सबसे बड़ी दिक्कत उनकी साइज है. 1 से 10 साल के बच्चों के पैर का साइज बहुत जल्दी बदल जाता है. नतीजतन नया-नवेला जूता कुछ ही दिनों में किसी काम का नहीं रहता. मलिक के पास इसका समाधान है.

ये भी पढें: Shark Tank: यूट्यूब से सीखी कोडिंग, बिहार के गांव में कंपनी खोल गर्दा उड़ा दिया!

मलिक की कंपनी Aretto ऐसे जूते बनाती है जो 3 साइज तक अपने आप से बढ़ जाते हैं. माने कि अगर जूता साइज 3 का है तो वो साइज 6 तक बड़ा हो जाएगा. मलिक के मुताबिक उनके पास इस तकनीक का पेटेंट भी है. जाहिर सी बात है कि इतना सुनते ही शार्क खूब प्रभावित हुए. प्रोडक्ट का डेमो भी बढ़िया था. शार्क पीयूष के बच्चे तो ये जूते पहनते भी हैं. Aretto का पुणे में खुद का आउटलेट भी है. सब बढ़िया लग रहा था. सत्यजीत ने अपनी कंपनी में 1 फीसदी हिस्सेदारी के बदले 80 लाख रुपये की मांग रखी. मगर… 

तारीफ पे तारीफ के बाद क्या बदल गया? 

सत्यजीत के मुताबिक कॉलेज के दिनों में उनके बनाए एक इंडियन टॉयलेट के डिजाइन को प्रतिष्ठित IF डिजाइन अवॉर्ड मिला है. उन्होंने रेड डॉट डिजाइन अवॉर्ड भी जीता है. इसके साथ उनके पास जापान से मिला गुड डिजाइन अवॉर्ड भी है. फिर तो मलिक को पैसा मिल जाना चाहिए था. मगर गरारी अटक गई. सबसे पहले तो साइज को लेकर मलिक की बातें जजों को समझ में नहीं आईं. शार्क अमन ने मलिक को टोकते हुए कहा

 भाई कान इधर से पकड़ो या उधर से क्या फर्क पड़ता है

शार्क पीयूष ने जूतों की क्वालिटी को लेकर भी अपनी राय रखी. इसके बाद कंपनी के टर्नओवर और उससे जुड़े आकड़ों में भी शार्क को कई कमियां नजर आईं. इतने में एक और चीज घट रही थी. मलिक जजों को बीच में टोकते और अपना राग अलापने लगते. शार्क अनुपम तो इस बात से इतने खफा हुए कि उन्होंने साफ-साफ कहा. 

तुम वही बात क्यों कर रहे जो हमें सुनना पसंद है. इसके बदले सही बात करो

फिर भी बात बिगड़ी नहीं थी. मगर हद तब हुई जब मलिक ने बताया कि Aretto में उनकी एक पार्टनर भी हैं जिसने हाल ही में उनको जॉइन किया है. जजों ने जब कुरेदा तो पता चला कि वो उनकी पार्टनर नहीं बल्कि को-फाउंडर हैं. इतना सुनते ही सारे जज भड़क गए.

सभी ने मलिक को बाहर का रास्ता दिखा दिया. शार्क अमन काफी गुस्से में दिखे. उन्होंने कहा

जूते बेचता है मगर हवा में उड़ता है

मतलब बतोलेबाजी करता है. कहने का मतलब झूठ बोलकर शार्क से फंडिंग लेने का आइडिया चल नहीं पाया.

वीडियो: शार्क टैंक के आखिरी एपिसोड में 'Girls Hostel' वाली पारुल गुलाटी ने कितनी फन्डिंग उठाई?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement