बैंक ने RBI का ये नियम नहीं माना तो ग्राहक को रोज देगा 5000 रुपये
RBI का प्रॉपर्टी के पेपर को लेकर तगड़ा नियम आया है जो लागू होगा 1 दिसंबर 2023 से. बैंक और NBFC ने लोन चुकाने के बाद अगर आपके पेपर देने में एक दिन की भी देरी की तो हर दिन के हिसाब से ग्राहक को 5 हजार रुपये देने पड़ेंगे.
सोचकर देखिए अगर बैंक या लोन देने वाली कोई भी संस्था आपको रोज का 5 हजार जुर्माना दे. आप सही पढ़े. जुर्माना ले नहीं बल्कि दे, क्योंकि आम तौर पर तो बैंक हमसे जुर्माना लेते ही हैं. मगर RBI का नया नियम आया है. लागू होगा 1 दिसंबर 2023 से. बैंक और NBFC ने जो एक दिन की भी देरी की तो उसे हर दिन ग्राहक को 5 हजार रुपये देने पड़ेंगे. बात हो रही है प्रॉपर्टी के पेपर से लेकर चल या अचल संपत्ति को गिरवी रखने पर होने वाली देरी के संबंध में.
होमलोन से लेकर दूसरे लोन लेने पर बैंक या नॉन फाइनेंशियल बैंक के पास लोन के बदले प्रॉपर्टी के पेपर गिरवी के रूप में जमा कराने होते हैं. कई बार चल या अचल संपत्ति को लोग गिरवी रखते हैं. यह भी देख गया है कि लोन चुकाने के बाद आपने बैंक के पास अपनी प्रॉपर्टी के जो कागजात जमा कराए थे, उसे वापस देने में बैंक या नॉन फाइनेंशियल बैंक लगातार देरी करते हैं.
शिकायतें इतनी ज्यादा हो गईं कि रिजर्व बैंक ने 13 सिंतबर को एक नोटिफिकेशन के जरिए निर्देश देते हुए साफ किया है कि लोन देने वाले संस्थानों को बैंक का लोन चुकाए जाने के 30 दिन के अंदर चल या अचल संपत्ति के पेपर वापस लौटा दिए जाएं. जो ऐसा नहीं किया तो हर 1 दिन की देरी पर 5000 रुपये जुर्माना ग्राहक को देना होगा.
इतना ही नहीं, केंद्रीय बैंक ने कहा है कि संपत्ति के दस्तावेज गिरवी रखने के बदले दिए गए लोन को चुकाने के बाद, दस्तावेज वापस करने की समय सीमा और जगह के बारे में लोन सैंक्शन लेटर में ही साफ उल्लेख होना चाहिए. आरबीआई के निर्देश के मुताबिक,
# बैंक या एनबीएफसी सभी ओरिजिनल चल/अचल संपत्ति के दस्तावेजों को जारी करेगा और लोन खाते के फुल रीपेमेंट/सेटलमेंट के बाद 30 दिनों की अवधि के भीतर किसी भी रजिस्ट्री में रजिस्टर्ड चार्ज को हटा देगा.
# कर्ज लेने वाले को उसकी प्राथमिकता के अनुसार ओरिजिनल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों को या तो उस बैंकिंग आउटलेट/ब्रॉन्च से कलेक्ट करने का विकल्प दिया जाएगा, जहां लोन अकाउंट संचालित किया गया था या उनके किसी अन्य कार्यालय से जहां दस्तावेज उपलब्ध हैं.
# लोन सैंक्शन लेटर में ओरिजिनल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों की वापसी की समयसीमा और स्थान का उल्लेख किया जाएगा.
# कर्जदार चाहे अकेला हो या ज्वॉइंट बॉरोअर. प्राकृतिक मृत्यु या आकस्मिक घटना में मौत के मामले में कानूनी उत्तराधिकारियों को ओरिजिनल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों की वापसी के लिए एक प्रोसेस निर्धारित किया जाएगा. पूरा प्रोसेस वेबसाइट पर भी प्रदर्शित किया जाएगा.
# आंशिक या पूर्ण रूप से ओरिजिनल चल या अचल संपत्ति दस्तावेजों के नुकसान या क्षति के मामले में, बैंक या एनबीएफसी कर्जदाता को दस्तावेजों की डुप्लिकेट या प्रमाणित कॉपी प्राप्त करने में सहायता करेंगे. साथ ही इसमें आने वाला खर्च भी वहन करेंगे. हालांकि, ऐसे मामलों में रेगुलेटेड एंटीटीज को इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 30 दिनों का अतिरिक्त समय उपलब्ध होगा.
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