Zepto, Blinkit, Myntra मिनटों में सामान पहुंचा रहे, ये Amazon को Quick Commerce से क्या दिक्कत है?
जहां हर प्लेटफॉर्म Quick Commerce में दिलचस्पी ले रहा है, वहीं Amazon 'तेज' होने के मूड में फिलहाल नहीं दिख रहा. दुनिया की सबसे बड़ी कॉमर्स कंपनी के पास पैसा है, पावर है, रिसोर्स है, इंडिया में सौ फ़ीसदी पिन कोड पर माल भेजने का जुगाड़ है, तो फिर दिक्कत क्या है?
देश के ई-कॉमर्स मार्केट में आजकल सब बड़ा 'Quick' हो रखा है. गए वो जमाने जब ऑनलाइन पोर्टल से ऑर्डर करने पर उसको डिलीवर होने में कुछ दिन लगते थे. आजकल तो सब मिनटों में आ जाता है. इधर आपने ऑर्डर किया उधर आपके दरवाजे की घंटी बजती है. ऐसा लगता है मानो Quick Commerce कंपनियां आपके घर के नीचे दुकान लगाकर बैठी हैं. Blinkit, Zepto, Swiggy Instamart पहले से मैदान में हैं. फ्लिपकार्ट मिनट्स भी आ गया और अब Myntra भी 30 मिनट में आपको फैशनेबल बनाने वाला है. मगर Amazon के Quick एजेंडे में Quick Commerce नहीं दिखता.
मतलब जहां हर प्लेटफॉर्म क्विक डिलीवरी में दिलचस्पी ले रहा है, वहीं Amazon 'तेज' होने के मूड में फिलहाल नहीं दिख रहा. क्यों भाई? दुनिया की सबसे बड़ी कॉमर्स कंपनी के पास पैसा है, पावर है, रिसोर्स है, इंडिया में 100 फ़ीसदी पिन कोड पर माल भेजने का जुगाड़ है, तो फिर दिक्कत क्या है? हम बताते मगर क्विक नहीं बल्कि हल्लु-हल्लु.
Quick Commerce कितना दमदारबिग बास्केट जैसी कंपनी कई सालों से कुछ मिनटों में सप्लाई कर रही थी. मगर उसका कामकाज मोटा-माटी सब्ज़ी और दूध जैसे प्रोडक्ट तक सीमित था. Quick Commerce में असल तेज़ी आई कोविड-19 महामारी के समय जब Zepto ने साल 2021 में इस मार्केट में एंट्री मारी. कंपनी ने तक़रीबन हर प्रोडक्ट को कुछ मिनटों में आपके पास पहुंचाने की बात कही. हालांकि इतनी फास्ट सर्विस को तब मार्केट के जानकारों ने सिरे से नकार दिया था. मगर हुआ इसके उलट. Zepto के B2C (बिजनेस से कस्टमर) मॉडल पर इन्वेस्टर्स ने खूब भरोसा दिखाया.
कंपनी को 1 September, 2020 को आधा मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली. सोसायटी के WhatsApp ग्रुप में स्टार्ट हुए इस स्टार्टअप के लिए ये बड़ी बात थी. आज Zepto देश के क्विक कॉमर्स में बहुत बड़ी प्लेयर है. अगस्त 2023 में इनको यूनिकॉर्न का दर्जा मिल गया, मतलब वैल्यू 1 बिलियन डॉलर (8 हजार करोड़) से ऊपर हो गई. Zepto से स्टार्ट हुआ सिलसिला अभी मिंत्रा पर आकर रुका है. आगे भी कई और प्लेयर नजर आने वाले हैं. क्विक कॉमर्स का जलवा इतना ज़्यादा है कि Zomato वाले दीपिंदर गोयल इसे कंपनी का मास्टर स्ट्रोक तक कह चुके हैं.
दरअसल जब जून 2022 में उन्होंने तब की Grofers और आज की Blinkit को खरीदा तो उस समय उनकी हालत कुछ अच्छी नहीं थी. मगर Blinkit उनके लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हुई. 2 हज़ार करोड़ के रेवेन्यू के साथ Blinkit आज 97 फ़ीसदी ग्रोथ पर बैठी है. Blinkit, Swiggy Instamart, और Zepto का कुल कारोबार 28 हज़ार करोड़ के पार है. क्विक कॉमर्स इंडस्ट्री में 280 फ़ीसदी की भयंकर बढ़ोतरी हो रखी है. फिर Amazon को क्या हुआ है?
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Amazon को 'तेज' नहीं चलनातुमको क्या दिक्कत है Amazon? ये सवाल यूजर्स और इंडस्ट्री, दोनों पूछ रहे. Financial Express की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने क्विक कॉमर्स में अपने को अभी 'फ्रेश' तक सीमित रखा है. इसमें कंपनी फ़ूड आइटम्स सप्लाई करती है मगर उनका अनुभव अच्छा नहीं. जल्द ख़राब होने वाले प्रोडक्ट बड़ी समस्या है. ऑर्डर के हिसाब से प्रोडक्ट का स्टॉक और रिटर्न भी एक दिक्कत है. कंपनी क्विक कॉमर्स को कोई बड़ा अवसर नहीं मानती. उसके मुताबिक़ इसका बिजनेस इंडिया के टॉप 25 पिन कोड तक ही सीमित है. कंपनी देश के 100 फ़ीसदी पिन कोड पर सर्विस मुहैया करवाती है और 97 फ़ीसदी पिन कोड पर 2 दिन में डिलीवरी हो जाती है.
वैसे कंपनी ने इस मार्केट को पूरी तरह छोड़ा भी नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने Swiggy Instamart को ख़रीदने का प्रयास किया था. मगर बात नहीं बनी. मतलब फिलहाल तो कंपनी को कोई जल्दी नहीं, ऐसा लगता है. मगर कोई इतना बड़ा बाज़ार कैसे छोड़ेगा. टेक एक्सपर्ट मुकुल शर्मा के मुताबिक Amazon भी इस सर्विस पर काम कर रहा है.
कंपनी 'तेज' कोड नेम से सर्विस पर काम कर रही है. एक्सपर्ट के अनुमानों से इतर कंपनी इसी महीने यानी दिसंबर में या फिर अगले साल के पहले कुछ महीनों में क्विक होती नजर आ सकती है.
कहीं देर तो नहीं हो गई.
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