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Uber से 113 रुपये वापस लेने के चक्कर में इस व्यक्ति ने 5 लाख का नुकसान करवा लिया

दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति को जब कैब सर्विस Uber पर तय चार्ज से ज्यादा पैसा लगा तो उन्होंने कस्टमर केयर का रुख किया. लेकिन पैसे वापस मिलने की जगह उन्हें 5 लाख का चूना लग गया.

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A man reportedly lost Rs 5 lakhs after calling a customer care number that appeared in Google search results.The man falling prey to this online fraud was identified as Pradeep Chowdhary, a resident of SJ Enclave, according to the FIR.
Uber कस्टमर केयर के नाम पर ठगी (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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सूर्यकांत मिश्रा
21 नवंबर 2023 (Updated: 21 नवंबर 2023, 21:40 IST)
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कैब सर्विस Uber का इस्तेमाल किया. जितना चार्ज दिखाया था, उससे 113 रुपये ज्यादा लगे. वापस लेने के लिए कस्टमर केयर पर फोन लगाया. अकाउंट से 5 लाख साफ हो गए. Uber ने उड़ा दिए क्या? कतई नहीं. Uber को तो कॉल लगा ही नहीं. फिर कॉल कहां लगा? गूगल पर बैठे साइबर ठग को. कैसे... वही तो स्टोरी है. कहानी पुराने कांडों जैसी जिनके बारे में आपने पढ़ा होगा. लेकिन इस बार स्टाइल जरा जुदा -जुदा है. कॉल किसी नंबर पर किया, लगा कहीं और फिर बात किसी और नंबर पर हुई. नंबर के खेल में लाखों उड़ गए.

दिल्ली के रहने वाले प्रदीप चौधरी को जब Uber राइड के पूरे होने पर 205 रुपये की जगह 318 रुपये चुकाने पड़े, तो कैब ड्राइवर ने उन्हें कस्टमर केयर से बात करने का सुझाव दिया. प्रदीप ने गूगल पर कैब कंपनी का कस्टमर केयर नंबर सर्च. 

रेड फ्लैग 1

ऊबर का कस्टमर केयर नंबर अगर होता, तो उन सबके पास होता, जो ऊबर इस्तेमाल करते हैं. तो प्रदीप के पास भी नहीं था. लेकिन उन्होंने गूगल से मदद लेने की सोची. सर्च किया. और उन्हें एक नंबर मिला - 6289339056. 

रेड फ्लैग 2

प्रदीप ने जब उस नंबर पर कॉल किया, तब वो एक दूसरे नंबर पर कनेक्ट हो गया. ये नंबर था - 6294613240. 

रेड फ्लैग 3

दूसरे नंबर से प्रदीप चौधरी को एक तीसरे नंबर पर कनेक्ट किया गया. इस बार नंबर के साथ नाम भी था. राकेश मिश्रा - 9832459993.

रेड फ्लैग 4

बिजनेस टुडे के मुताबिक इस राकेश मिश्रा नाम के आदमी ने प्रदीप चौधरी को गूगल प्ले स्टोर से 'Rust Desk app' डाउनलोड करने को कहा. 

रेड फ्लैग 5

इसके बाद Paytm ऐप ओपन करवाया. 

रेड फ्लैग 6

Paytm खुलवाकर 'rfnd 112' का मैसेज करवाया. 

6-6 रेड फ्लैग थे. माने ऐसा होते ही प्रदीप को रुक जाना चाहिए. खतरे का आभास हो जाना चाहिए था कि जाल में फंस रहे हैं. लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं. और पहले 83,760 रुपये, फिर 20,012 और उसके बाद 49,101 रुपये प्रदीप चौधरी के खाते से गायब हो गए. चार किस्तों में कुल 5 लाख रुपये की चुंगी लग गई.

दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 और आईटी एक्ट 66D के तहत मामला दर्ज कर लिया है. खबर खत्म. अब तीन जरूरी बातें जान लीजिए. 

# इस फ्रॉड का Uber कंपनी से कोई लेना देना नहीं क्योंकि कॉल गूगल से नंबर लेकर लगाया गया. इसलिए कभी भी किसी ऐप के कस्टमर केयर से बात करना हो तो ऐप के अंदर हेल्प वाले सेक्शन का इस्तेमाल कीजिए.

# दूसरा, हमने इस खबर में जहां-जहां रेड फ्लैग लिखा, वो वाकई में खतरे की घंटी हैं. कस्टमर केयर नंबर आमतौर पर 1800 से स्टार्ट होते हैं. आगे फॉरवर्ड नहीं होते और किसी का पर्सनल नंबर तो भूल ही जाइए. किसी के कहने पर कोई ऐप डाउनलोड करना, पेटीएम जैसे ऐप्स इस्तेमाल करना, जो आपके बैंक अकाउंट से जुड़े हैं, बहूहूहूहूहूहूत बड़ी गलती है.

ये सब हमने पहले कई बार बताया है. अब तीसरी बात. गूगल पर ऐसे कस्टमर केयर नंबर आते कहां से है. जवाब है पैसे देकर. गूगल पर कोई भी कंपनी या ऐजेंसी या व्यक्ति पैसे देकर सर्च में टॉप पर आ सकता है. इसका किसी वेबसाइट की सालों की मेहनत, की-वर्ड और Search Engine Optimization से कोई लेना-देना नहीं.

पैसा खर्चो और टॉप पर आ जाओ. आपको लगेगा गूगल इस पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं करता. जनाब ऐसी एजेंसी/लोग बहुत स्मार्टली अपने नाम को रजिस्टर करते हैं, कांड करते हैं और गायब हो जाते हैं. गूगल बाबा जब तक कुछ करेंगे तब तक सब छूमंतर हो जाते हैं.

इसलिए गूगल के नहीं बल्कि अपने भरोसे रहिए. रेड फ्लैग दिखे, तो एक ही काम करना है. जो कर रहे हैं, नहीं करना है. रुक जाना है. 

वीडियो: OTP हुई 'पुरानी', पुलिस और क्राइम ब्रांच के नाम पर बड़ा साइबर ठग हो रहा

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