एंड्रॉयड फ़ोन आजकल इतने सारे कचरे के साथ आते हैं कि क्या बताएं. और कचरे से हमारामतलब ब्लोटवेयर से है, यानी कि वो ऐप्स जो आपके स्मार्टफ़ोन में पहले से पड़े हुए आतेहैं. आप कभी इनका इस्तेमाल नहीं करते मगर आप इनको अनइंस्टॉल या डिलीट भी नहीं करसकते. ये रक्त पिपासु बनकर आपके फ़ोन की रैम और स्टोरेज तो चूसते ही हैं, साथ मेंप्रोसेसर की जान भी छका लेते हैं. और तो और कभी-कभी डेटा प्राइवेसी और सिक्योरिटीके भी परखच्चे उड़ा देते हैं.इसी से छुटकारा पाने के लिए कुछ लोग अपने डिवाइस को रूट कर इन ऐप्स को डिलीट मारदेते हैं. मगर रूट करने से फ़ोन की वॉरन्टी गुस्सा हो जाती है और टाटा बाय-बाय बोलदेती है. फ़िर हम करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? असल में एक और तरीका हैजिससे आप इन ब्लोटवेयर को हटा भी सकते हैं और आपके फ़ोन की वॉरन्टी भी चिपकी रहेगी.इसमें न तो फ़ोन को रूट करना है, न कोई कस्टम ROM डालनी है और न ही किसी खास किस्मके झमेले को पालना है. तो आइए आपको स्टेप-बाय-स्टेप ये प्रोसेस बताते हैं.USB Debugging ऑन कर लीजिएसबसे पहला काम तो ये है कि आपको अपने फ़ोन में USB Debugging ऑन करना है. इसके लिएआपको डेवलपर ऑप्शन में जाना होगा और ऐसा करने के लिए पहले डेवलपर ऑप्शन चालू करनाहोगा. एक-एक कर के बताते हैं पूरा प्रोसेस.*अपने फ़ोन की सेटिंग में जाइए फ़िर About (अबाउट) सेक्शन खोलिएडेवलपर ऑप्शन को ऐसे चालू करना है.*ऑपरेटिंग सिस्टम पर टैप करिए. अगर कुछ नहीं खुलता तो इसी पर सात बार टैप करिए. औरअगर कुछ नया ऑप्शन खुलता है तो यहां आप अपने फ़ोन की कस्टम ROM का वर्ज़न लिखा हुआपाएंगे. इस पर सात बार टैप करिए. ऐसा करने पर डेवलपर ऑप्शन पर लगा हुआ ताला खुलजाएगा.*चूंकि डेवलपर ऑप्शन अलग-अलग कंपनी के फ़ोन में अलग-अलग जगह पड़ा होता है तो हम यहांपहुंचने का एक कॉमन तरीका बताते हैं. फ़ोन की सेटिंग में वापस जाकर ऊपर बने हुए सर्चबॉक्स में developer लिखिए और फ़िर डेवलपर ऑप्शन में घुस जाइए.USB Debugging को ऐसे चालू करना है.*यहां आपको USB Debugging को ऑन-ऑफ़ करने का स्विच मिलेगा. इसे ऑन कर दीजिए.*और अब अपने फ़ोन को कंप्यूटर में USB केबल से जोड़ लीजिए. जब फ़ोन पूछेगा कि किस तरहका कनेक्शन बनाना है कंप्यूटर से, तब “File Transfer” (फाइल ट्रांसफ़र) सेलेक्ट करलीजिए. बस फ़ोन में इतना ही काम है.कंप्यूटर का सेटअपआगे का काम करने के लिए आपके पास एक कंप्यूटर होना चाहिए. डेस्कटॉप या लैपटॉप सेफ़र्क नहीं पड़ता और न ही इस बात से कि वो आपका खुद का पर्सनल हो. दोस्त या किसीरिश्तेदार का भी हो तो चलेगा. सबसे ज़्यादा कॉमन कंप्यूटर सिस्टम विंडोज़ ऑपरेटिंगसिस्टम वाले होते हैं इसलिए हम उसी के बारे में चर्चा करेंगे.*सबसे पहले आपको इस कंप्यूटर में ADB या Android Debugging Bridge (एंड्रॉयडडीबगिंग ब्रिज) सेट करना है. डेवलपर्स के काम के लिए ये तिकड़म खुद गूगल ने दे रखाहै.*विंडोज़ के लिए ADM आप नीचे दी हुई लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं. इसे बस कॉपी करकेअपने इंटरनेट ब्राउजर के अड्रेस बार में पेस्ट कर दीजिए:dl.google.com/android/repository/platform-tools-latest-windows.zip*डाउनलोड होने के बाद अब इस बन्डल वाले ज़िप फ़ोल्डर को अपने कंप्यूटर के किसी फ़ोल्डरमें उडे़ल लीजिए, यानी कि एक्स्ट्रैक्ट कर लीजिए. इसके लिए आप इसपर राइट क्लिक करके“extract” पर क्लिक करिए. अब जो नॉर्मल सा पीले रंग का फ़ोल्डर खुल कर आया है उसमेंजाइए.एक्स्ट्रैक्ट किया हुआ फ़ोल्डर.*ऊपर की तरफ़ अड्रेस बार में cmd लिख कर एंटर कर दीजिए. नीचे पिक्चर में जिस तरहलिखा गया है ठीक वैसे:CMD लिख कर एंटर करना है.*अब आपके सामने कमांड प्रॉम्प्ट खुल कर आ जाएगा. हां यही काला वाला बॉक्स जिसको सन्2002 में अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल के टीचर प्रैक्टिकल के नाम पर बच्चों को दिखाते थेऔर इसमें अपना नाम लिखने को बोलते थे.कमांड प्रॉम्प्ट खुलकर आ जाएगा.*मगर आपको यहां अपना नाम नहीं, adb devices लिखना है.adb devices लिखकर एंटर करिए*आपका कनेक्ट किया हुआ एंड्रॉयड फ़ोन सामने लिस्ट हो जाएगा. इसके बाद आपको adb shellलिख कर एंटर करना है.*सामने success लिख कर आने के बाद अब आपको फ़ालतू के ऐप्स डिलीट करने का काम करनाहै. इसके लिए टाइप करिए: pm uninstall -k --user 0 <ऐप के पैकेज का नाम>adb shell कमांड दीजिए.*ऐप के पैकेज का नाम ऐप के नाम से अलग होता है. एग्ज़ामपल के तौर पर facebook(फ़ेसबुक) ऐप के पैकेज का नाम है com.facebook.katana. तो यानी कि अगर आपको फ़ेसबुकको डिलीट करना है तो आपको टाइप करना होगा: pm unsintall -k --user 0com.facebook.katana और एंटर दबा देना है. (यूजर के आगे 'ज़ीरो' लिखा है, 'ओ' नहीं)*ऐप डिलीट होने पर success लिख कर आ जाएगा. फ़िर इसी तरह बिना और कुछ किये हुए,दूसरी ऐप को डिलीट करने के लिए भी ठीक इसी तरह pm uninstall -k --user 0 <ऐप पैकेजका नाम> लिखकर एंटर दबा दीजिए.कुछ इस तरह से हटाए जा सकते हैं ब्लोटवेयरअब आप सोच रहे होंगे कि ये पैकेज का नाम कहां से पता करना है? इसके दो तरीके हैं.पहला तो ये है कि ऐप की डीटेल में जाकर इसका पैकेज नाम देख सकते हैं. इसके लिए आपकोऐप को देर तक टैप करके इन्फॉर्मेशन वाले i बटन पर टैप करना होगा. कुछ फ़ोन में सामनेही पैकेज का नाम आ जाता है और कुछ में दोबारा से i बटन को दबाना पड़ता है.ऐसे देखना है ऐप के पैकेज का नाम.इसके अलावा आप App Inspector (ऐप इन्स्पेक्टर) नाम का ऐप गूगल प्ले स्टोर सेइंस्टॉल कर सकते हैं. ये ऐप आपके फ़ोन में पड़े हुए हर ऐप का पैकेज का नाम बता देतीहै.सावधानी की बातेंअब आप तरीका तो जान गए कि अपने फ़ोन से ब्लोटवेयर को कैसे हटाना है. मगर ये बातध्यान रखिए कि बहुत से ऐप एक दूसरे के ऊपर डिपेंड होते हैं. अगर एक हटता है तोदूसरा काम नहीं करता. जैसे शाओमी के फ़ोन में yellow pages ऐप हटाने से कॉल इन्टरफ़ेसबंद हो जाता है. मतलब कि कॉल आएगी, बेल भी बजेगी मगर आप फ़ोन उठा नहीं पाएंगे. ऐसेही अगर आप कॉल करेंगे तो सिर्फ़ बात होगी, सामने स्क्रीन पर कुछ नहीं आएगा, न ही आपकॉल कट कर पाएंगे, न स्पीकर पर कॉल लगेगी और न ही कोई और चीज़ हो पाएगी.ऐसे ही अगर किसी जरूरी सिस्टम ऐप को आप हटा देंगे तो उससे जुड़े हुए फंक्शन बंद होजाएंगे. अगर अपने मैसेज ऐप को डिलीट कर दिया तो आपको SMS ही दिखना बंद हो जाएंगे.एक लौता चारा यही बचेगा कि आप फ़ोन को रीसेट करें. और अगर अपने कोई जरूरी सिस्टमसर्विस डिलीट कर दी है तो फ़ोन क्रैश भी हो सकता है. इसलिए सिर्फ़ उन्हीं ऐप्स कोहटाएं जिनके बारे में आपको पता है कि इन्हें हटाने से कुछ गड़बड़ नहीं होगी.चेतावनी: दी लल्लनटॉप ने केवल आपको अनचाहे ऐप्स से मुक्ति पाने का तरीका बताया है.लेकिन इस तरीके का इस्तेमाल करने का फैसला आपका खुद का होगा. किसी भी स्टेप मेंकिसी भी तरह की गलती, या जरूरी सिस्टम ऐप हटाने पर आपके फोन को नुकसान हो सकता है,इसकी जिम्मेदारी दी लल्लनटॉप की नहीं होगी.