पालतू कुत्ते, फेवरेट सीरियल को पासवर्ड मत बनाना, हैकर से पहले पड़ोस का चिंटू धाप लेगा
किसी तरह आई लव यू, 143, 12345 का ज़माना बीता था. लेकिन अब जो हुआ है, उससे हमने लापरवाही का नया स्टैंडर्ड सेट किया है.
पासवर्ड के लिए Password, 12345, i love you बहुत सालों तक लोगों के पर्सनल फेवरेट रहे हैं. लेकिन अब लगता है इनके दिन फिरने वाले हैं. दरअसल कॉमन पासवर्ड या सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले पासवर्ड के ट्रेंड्स में बदलाव आया है. अब डेली सोप और उनके किरदार, निकनेम, फैशन ब्रांड, कलर, शहरों के नाम पासवर्ड में इस्तेमाल हो रहे हैं. वैसे ये भी कोई खुशी की बात नहीं क्योंकि इनको भी आसानी से गेस किया जा सकता है. माने बदलाव के बाद भी हम उतने ही लापरवाह हैं. हमारी लापरवाही का नया स्टेंडर्ड कैसे सेट हुआ है, चलिए जानें.
निकनेम, पेट (के) नेमज़्यादातर लोगों का निकनेम या उपनाम या पेटनेम या डाक नाम (निकनेम के और निकनेम आप भी जानते हों तो आप कॉमेंट बॉक्स में बताइएगा) होता ही है. पुकारिए जो भी, होता तो ये प्यार से दिया नाम ही है. इसी प्यारे नाम का प्यार अब पासवर्ड में भी खूब दिख रहा है. लोग अपने खुद के पेट नेम से लेकर पेट के नेम - माने पालतू जानवरों के नाम को पासवर्ड में इस्तेमाल कर रहे हैं. नतीजा बताने की जरूरत नहीं. 10 लाख से ज्यादा बार ऐसे पासवर्ड को तोड़ा जा चुका है. ऐसे पासवर्ड को साइबर हैकर तो बाद में पकड़ेंगे, पड़ोस का चिंटू पहले धाप लेगा.
जब तक इस देश में सनीमा…एक जमाने में रामायण और महाभारत के किरदार लोगों पर खूब असर डालते थे. जमाना बदला और मोगली से लेकर शक्तिमान ने भी खूब इंप्रेस किया. टीवी शो और फिल्मों के किरदार स्क्रीन से दिल में उतरे. अब कंप्यूटर और फोन की सुरक्षा में तैनात किए जा रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक साढ़े चार लाख से ज्यादा पासवर्ड टीवी किरदारों के नाम पर मिले जो आसानी से गेस कर लिए गए. असल संख्या तो पता नहीं कितनी होगी. टीवी शो भी कोई पीछे नहीं. पौने चार लाख से ज्यादा पासवर्ड इनके नाम पर रखे गए हैं.
रंग से भंगVIBGYOR या बैजानीहपीनाला. स्कूल में रंगों को याद रखने के लिए यही फार्मूला सिखाया जाता था. पासवर्ड भी ऐसी ही चीज़ है, जिसे आदमी किसी तरह याद रखना चाहता है. तभी तो रंगों का इस्तेमाल भी पासवर्ड बनाने में खूब हो रहा है. साल भर में इससे जुड़े तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. जिस भी रंग को आप पसंद करते हों, उसी से हाथ में गोदना बना लीजिए. रंग जीवन में उमंग भरने के लिए हैं. पासवर्ड के लिए नहीं.
कपड़ा फाड़ पासवर्डमैं तो बस इसी ब्रांड के कपड़े पहनता हूं. मैं तो फलां ब्रांड का जैकेट ही पहनूंगा. अच्छी बात है. मगर इसको पासवर्ड क्यों बनाना है भैया/दीदी? एक बहुत पुरानी कहावत है. फैशन के इस दौर में गारंटी की उम्मीद नहीं रखें. जब फैशन खुद गारंटी नहीं देता तो पासवर्ड में क्या खाक मिलेगा? तीन लाख से कुछ कम ऐसे केस मिले हैं जहां फैशन ब्रांड को पासवर्ड बनाया गया. फैशन खूब कीजिए मगर पासवर्ड को फैशनेबल मत बनाइये. क्योंकि फैशन के ज़माने में पासवर्ड भी गैरंटी नहीं दे सकता है.
आसानी से गेस होने वाले पासवर्ड की लिस्ट में शहरों के नाम, देशों के नाम, फेवरेट फिल्म, कार, यहां तक की बॉडी पार्ट्स भी शामिल हैं. बोले तो जो करीब है या पसंद है बस उसी को पासवर्ड बना लिया. मत कीजिए ऐसा. नुकसान आपका ही होगा और साइबर अपराध के नुकसान की भरपाई आमतौर पर होती नहीं. हमेशा युनीक और लंबा पासवर्ड बनाइये. कम से कम 15 अंकों का. जो दिक्कत लगे, तो गूगल क्रोम या दूसरे पासवर्ड मैनेजर ऐप्स की मदद लीजिए.
वीडियो: फेसबुक, ट्विटर या बैंक अकाउंट का पासवर्ड बनाते वक्त किन बातों का खयाल रखना चाहिए?