आप हुए हैं साइबर अटैक का शिकार? जानने और बचने के तरीके...
आपका E-mail कभी ना कभी तो साइबर ठगी के दायरे में आया होगा.
कल फलानी कंपनी पर साइबर अटैक हुआ. आज ढिकानी कंपनी का डेटा साइबर अपराधियों के हाथ लग गया. ऐसी खबरें आम हैं. इधर खबर आती है ऐसा कुछ होने की उधर संबंधित कंपनी एक रटा रटाया बयान जारी कर देती है कि सब चंगा सी. आप भी सोचते हो हमें क्या...बोले तो आग लगे बस्ती में और मस्तराम मस्ती में. लेकिन हम कहें कि ऐसे कांडों का आपसे सीधा लेना देना है तो. एक पल के लिए आप कहेंगे डेटा किसी कंपनी का हैक हुआ, हम काहे चिंता करें. दरअसल चिंता आपको अपने डिजिटल पते की करनी है. जैसे एक होता है घर का पता और दूसरा डिजिटल पता. अरे वही जिसको (email id exposed) कहते हैं. कभी आपने ये जानने की जहमत उठाई कि साइबर ठगों की इस कारिस्तानी के दायरे में आपका ईमेल भी तो नहीं है.
अधिकतर लोगों का जवाब होगा...हमने इस बारे में सोचा नहीं. लेकिन आपको जानकर 440 वोल्ट का झटका लग सकता है कि हममें से ज्यादातर लोगों के ईमेल एड्रैस कभी ना कभी साइबर ठगी के जाल में आए हैं. अब ये पता कैसे चलेगा और इससे बचना कैसे है, वो हम आपको बताते हैं.
पता कैसे चलेगा?अब ये तो आप मानोगे कि ईमेल एड्रैस जाने अनजाने इतनी जगह इस्तेमाल होता है कि पूछो ही मत. किसी ऐप पर लॉगइन ना हो या फिर किसी वेबसाइट पर. जीभ लपलपाते एक विज्ञापन की तरह सबसे पहले यही मांगा जाता है. अब घर का पता किसी के पास है तो पहरेदारी के लिए कुत्ता बिठा लीजिए. लेकिन डिजिटल पते का पता यदि किसी के पास है तो कैसे पता चलेगा. इसके लिए आपको जाना होगा https://haveibeenpwned.com/ वेबसाइट पर.
अब नाम के हिसाब से वेबसाइट आपको बताती है की आपका ईमेल कब सायबर ठगों की शतरंज का प्यादा बन गया.
हमने समझने के लिए एक ईमेल एड्रैस डाला और जो सामने दिखा उसको देखकर आंखे फटी रह गई. तमाम बड़ी-बड़ी कंपनियों के डेटा में इन चोरों ने सेंध लगाई थी. रिजल्ट देखकर आपको याद आएगा की हां इस कंपनी के डेटा से जुड़ी खबर आई तो थी. वेबसाइट ये तो बताती है कि आपका ईमेल भी इसकी जद में आया था साथ में ये भी बताती है कि आपका डेटा कहीं पब्लिक्ली शेयर तो नहीं किया गया. जैसे हमारे ईमेल को एक बार पेस्ट मतलब पब्लिकली शेयर भी किया गया था. वेबसाइट पर पूरे विस्तार से उस घटना का ब्योरा भी दिया होता है. आप अपने सारे ईमेल एड्रैस इस वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं.
हमने जब अपने दूसरे ईमेल को वेबसाइट पर डाला तो ऐसी कोई भी जानकारी सामने नहीं आई. मतलब कोई झोल नहीं. अब ये समझ में भी आता है क्योंकि ये आधिकारिक मेल है जो सीमित जगह पर ही इस्तेमाल होता है.
बचना कैसे हैअब जिस वेबसाइट के डेटा में सेंध लगी वो अपनी ताकत भर उससे निपटने का इंतजाम करती है. लेकिन आपको भी अपनी तरफ से थोड़ा सावधान होना चाहिए. सबसे पहले तो संबंधित वेबसाइट या ऐप पर अपना पासवर्ड बदल डालिए. अब कोई वेबसाइट या ऐप इस्तेमाल नहीं कर रहे और वो इस लिस्ट में नजर आ रहा तो उसको डिलीट करने में कोई बुराई नहीं है.
ये तो वो तरीका हुआ जब आपको पता चल गया. कितना अच्छा रहे कि आपका ईमेल ऐसी वेबसाइट से खुद ब खुद डिलीट हो जाए. ये सुनकर आपकी बाँछें खिल गई होंगी. अपनी बाहें फैलाए रखिए क्योंकि ऐसा करना कोई खड़ा पहाड़ चढ़ने जैसा मुश्किल भी नहीं है. ऐप स्टोर से लेकर गूगल प्ले तक ऐसे कई ऐप हैं जो एक बार में ये पता कर सकते हैं की आपका ईमेल कहां-कहां इस्तेमाल हुआ है. लगे हाथ ये अनसबस्क्राइब करने का भी जुगाड़ देते हैं.
उदाहरण के लिए unroll.me या clean Email. आजमाया हुआ टोटका है, आप भी आजमा सकते हैं.
वीडियो: इससे पहले मालवेयर वायरस आपका सिस्टम सफाचट कर दे, ये जुगाड़ अपना लें, फायदे में रहेंगे