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Google 25th Birthday: ये कंपनी 'भविष्य' देख लेती है, ये 5 किस्से सबूत हैं!

Google के 25वें जन्मदिन पर बात कुछ ऐसी घटनाओं या प्रोडक्ट्स की जिन्होंने गूगल को एक सर्च इंजन से इतर टेक दिग्गज बना दिया.

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Google's 25th Birthday: How it all began and some fascinating facts you need to know
आज गूगल का हैप्पी बर्थ डे है (तस्वीर: गूगल)
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सूर्यकांत मिश्रा
27 सितंबर 2023 (Updated: 27 सितंबर 2023, 17:59 IST)
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Google बाबा आज यानी 27 सितंबर को 25 साल के हो गए हैं. अगर आपने आज गूगल ओपन किया होगा, जो कि किया ही होगा, तो होम स्क्रीन पर गूगल डूडल भी बदला हुआ दिखा होगा. वहां भी 25वीं सालगिरह मनाई जा रही है. 

27 सितंबर, 1998 को एक किराए के गैराज में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे Larry Page और सर्गेई ब्रिन ने Google Inc. की आधिकारिक शुरुआत की. पहले इसका नाम Backrub रखा जाना था, सही स्पेलिंग Googol थी, मगर गलती से Google डोमेन रजिस्टर्ड हो गया. याहू ने कौड़ियों के भाव में नहीं खरीदा वगैरा-वगैरा. आप कहोगे भईया Lallantop जल्दी में हो क्या? Take a chill pill.

जनाब हम बिल्कुल जल्दी में नहीं, बल्कि ये सब तो तकरीबन आपको पता होगा. लेकिन आज स्पेशल दिन है तो बात कुछ ऐसी घटनाओं की या प्रोडक्ट्स की जिन्होंने गूगल को एक सर्च इंजन से इतर टेक दिग्गज बना दिया. ऐसी कंपनी बना दिया जो कई साल तक हर हफ्ते एक कंपनी खरीदती रही.

सौदा खरा-खरा

गूगल बने लगभग पांच साल हो चुके थे. साल था 2005, जब दुनिया जहान के मोबाइल मार्केट पर नोकिया का एकछत्र राज था. ठीक उसी समय एक यंग सॉफ्टवेयर डेवलपर Rubin मोबाइल के लिए बनाए अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को बेचने की कोशिश में लगा था. सैमसंग और HTC जैसी कंपनियों से बात बनी नहीं और तभी गूगल की नजर इस OS पर पड़ी. जुलाई 2005 में गूगल ने 50 मिलियन डॉलर (तब के 20 करोड़ रुपये) में प्रोग्राम को खरीद लिया. पांच साल बाद गूगल के वाइस प्रेसीडेंट David Lawee ने इस सौदे को "best deal ever" कहा. प्रोग्राम का नाम था ‘एंड्रॉयड’. आगे जो हुआ वो बताने की जरूरत नहीं, क्योंकि आज के स्मार्टफोन बाजार का तकरीबन 80 फीसदी इसी के पास है.

यूट्यूब का अधिग्रहण

आज जब वीडियो की बात आती है तब पहला, दूसरा और तीसरा नाम भी यूट्यूब होता है. गूगल ने साल 2006 में 1.65 बिलियन डॉलर (उस वक्त 8000 करोड़ रुपये) में इस प्रोग्राम को खरीदा. इतनी बड़ी रकम जानकर दुनिया ने गूगल को कहा 'पगला गए हो', लेकिन गूगल को इसकी ताकत पता थी. आज यूट्यूब गूगल की इनकम के सबसे बड़े सोर्स में शामिल है.

क्रोम इन और बाकी सब बाहर

साल था 2008. गूगल बड़ा नाम था, लेकिन इंटरनेट का ट्रैफिक Internet Explorer से आता था. कहने का मतलब एक किस्म से माइक्रोसॉफ्ट पर निर्भरता. ठीक उसी समय एक यंग लड़के ने गूगल के बॉस को खुद का ब्राउजर बनाने की सलाह दे डाली. ये वाकई में बहुत बड़ी बात थी. लेकिन गूगल के बॉस ने उस लड़के से कहा- अब तुम ही इसको डेवलप करोगे. उसी साल मार्केट में दस्तक दी Google Chrome ने. सलाह देने वाले और फिर पूरी टीम को हैन्डल करने वाले लड़के का नाम है, सुंदर पिचाई. आईआईटी खड़गपुर से पढे सुंदर ने उसके बाद गूगल के लिए दर्जनों प्रोडक्ट लॉन्च किए. आज गूगल क्रोम इंटरनेट ट्रैफिक का सबसे बड़ा राजा और सुंदर गूगल के राजा, मतलब सीईओ हैं.

AI तो सालों पहले आई

आज जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात हर तरफ हो रही है उसके पहले फुट प्रिन्ट गूगल ने साल 2014 में ही छाप दिए थे. उसने DeepMind नाम के एक प्रोग्राम को 500 मिलियन डॉलर में खरीदा. ही ही ही... ऐसा ही रिएक्शन दुनिया का तब भी था. मतलब मशीन लर्निंग, न्यूरल इंजन जैसे शब्द हॉलीवुड की किसी साइंस फिक्शन फिल्म का हिस्सा भर लगते थे. आज तो ChatGPT और गूगल बार्ड से लेकर बहुत कुछ आ गया है, लेकिन इसकी पहली झलक मिली गूगल के स्मार्टफोन में. एक बेसिक से कैमरे से ली गई फोटो DSLR कैमरे को टक्कर दे रही थीं तो गूगल असिस्टेंट अपना कमाल दिखाने को तैयार था. आज साल 2023 में भी गूगल पिक्सल डिवाइस से ली गई फोटू का अपना रौला है.

गूगल और फ्यूचर

वैसे तो गूगल बहुत कुछ कर रहा है, मसलन सस्ते वाईफाई के लिए आसमान में गुब्बारे उड़ाने से लेकर दुनिया की कई भाषाओं को स्मार्टफोन में लाने तक. लेकिन गूगल एक और काम कर रहा है. इंसान की हेल्थ को लेकर. गूगल ने साल 2019 में 2.1 बिलियन (मोटा-माटी 16 हजार करोड़ रुपये) में Fitbit को खरीदा. ये कंपनी स्मार्टवॉच से लेकर फिटनेस बैंड बनाती है और इंसान की हेल्थ को मॉनिटर करने में इसका बहुत बड़ा नाम है. गूगल ने इस कंपनी और इसकी तकनीक पर बड़ा दाव लगाया है. Fitbit खरीदने के बाद पहला प्रोडक्ट Pixel Watch लॉन्च हुई थी. अब Pixel Watch 2 आ रही है जो इंडिया में भी मिलेगी. इस स्मार्टवॉच के सेंसर्स और फीचर्स का लोगों को बहुत इंतजार है.

गूगल ने इसके अलावा भी कई सारी कंपनियां खरीदीं, जैसे क्लाउड सर्विस Looker, Waze मैप आदि. हालांकि सारे प्रोडक्ट टनाटन रहे हों ऐसा भी नहीं है. कई बड़े डिजास्टर भी हुए. लेकिन उनकी चर्चा फिर कभी.

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