5 स्टार वाली कार लेने से पहले जानें ये रेटिंग मिलती कैसे है?
Maruti Suzuki Dzire 2024 की पांच सितारा रेटिंग को टॉप गियर का फुटेज मिलना ही था. मगर जो हम आपसे कहें कि आपकी कार को फ़ाइव स्टार रेटिंग मिल ही नहीं सकती, चार के ऊपर का चक्का घूम ही नहीं सकता तो? इतना पढ़कर आप मारुति और दूसरी कंपनियों पर उंगली उठा दें, उसके पहले ये भी जान लें कि सारा खेल प्रोसेस का है. काबिलियत तो बाद में आती है.
पिछले दिनों कारों की दुनिया में अगर किसी कार ने सबसे ज़्यादा चर्चा बटोरी तो वो है Maruti Suzuki Dzire 2024 मॉडल. कार सड़कों पर दौड़ेगी. कैसा परफॉर्मेंस रहेगा, वो सब बाद की बात है. मगर कार ने लॉन्च होते ही भौकाल काट दिया. इसकी सबसे बड़ी वजह बनी कार की सेफ्टी रेटिंग. डिजायर के इस मॉडल को Global NCAP में 5 स्टार रेटिंग मिली है. क्योंकि मारुति की कारों को सेफ्टी में थोड़ा कमतर माना जाता है. 4 स्टार से ऊपर रेटिंग नहीं मिलती.
ऐसे में Maruti Suzuki Dzire 2024 की पांच सितारा रेटिंग को टॉप गियर का फुटेज मिलना ही था. मगर जो हम आपसे कहें कि आपकी कार को फ़ाइव स्टार रेटिंग मिल ही नहीं सकती, चार के ऊपर का चक्का घूम ही नहीं सकता तो? इतना पढ़कर आप मारुति और दूसरी कंपनियों पर उंगली उठा दें, उसके पहले ये भी जान लें कि सारा खेल प्रोसेस का है. काबिलियत तो बाद में आती है.
रेटिंग का असल गेमकुछ भी लिखने से पहले जरूरी बात बता देते हैं. जैसा हमने कहा. रेटिंग कोई सबसे बड़ा मानक नहीं है. हो सकता है आपकी कार को फ़ाइव स्टार मिलने ही चाहिए थे मगर गरारी 4 पर अटक गई हो. तो आप अपनी नाराज़गी पर ब्रेक लगा लीजिए. क्योंकि हमारा इरादा किसी भी कार कंपनी पर उंगली उठाने का है ही नहीं. सिर्फ़ Global NCAP का प्रोसेस बताना है.
क्या है Global NCAP?ग्लोबल एनकैप यानी ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Global New Car Assessment Program) एक संस्था है, जो स्वतंत्र रूप से कारों की सेफ्टी चेक करती है. यह कई मापदंडों पर कारों की क्रैश टेस्टिंग करके उन्हें सेफ्टी रेटिंग देती है. ग्लोबल एनकैप टेस्ट में कार को 64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाया जाता है और क्रैश किया जाता है. ये संस्था साल 2011 में ग्लोबल हुई क्योंकि उसके पहले तक तो NCAP ही होता था. जैसे 1978 में बना अमेरिका का NCAP और 1993 में बना ऑस्ट्रेलियाई NCAP. संस्था कारों को 0 से 5 स्टार के बीच रेटिंग देती है. 0 रेटिंग वाली कारों को सेफ्टी के मामले में बहुत खराब माना जाता है. यानी, कह सकते हैं कि ज्यादा स्टार मतलब बेहतर सेफ्टी.
आज की तारीख़ में Global NCAP एक जरूरी स्टैंडर्ड है, लेकिन ये अकेला नहीं है. जैसे लैटिन एनकैप (LNCAP) या हमारा अपना BNCAP है जो साल 2023 में लॉन्च हुआ. BNCAP रेटिंग में ग्लोबल लेवल के सभी मानकों को शामिल किया गया है. BNCAP क्रैश टेस्ट कार को एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP ), चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP) और सेफ्टी असिस्ट टेक्नोलॉजी (SAT) के आधार पर सेफ्टी रेटिंग देगा. खैर आज बात Global NCAP की करते हैं.
ये भी पढ़ें: कार सेफ्टी तय करने में आत्मनिर्भर हुआ भारत, BNCAP लॉन्च, जानें कैसे काम करेगा
कैसे होता है टेस्ट?Global NCAP को जिस भी गाड़ी का टेस्ट करना होता है वो उसका बेस मॉडल ख़रीदता है और फिर टेस्ट करता है. टेस्ट मतलब कार के आगे और पीछे से टक्कर पर कैसा इंपैक्ट रहेगा. अब जो कार इसमें जैसा परफॉर्म करेगी, वैसी रेटिंग उसको मिलेगी. लेकिन सिर्फ़ 4 स्टार तक. पांचवें स्टार के लिए कई अलग-अलग और एडवांस टेस्ट करने होते हैं जिसके लिए कार नहीं बल्कि कारें चाहिए होती हैं. जो आती है कार बनाने वाली कंपनी से.
मतलब अगर कार कंपनी का मन है तो वो Global NCAP को अपनी तरफ़ से कार मुहैया करवाएगी. इसके बाद कई और टेस्ट होंगे. जैसे Side Pole Test जिसमें कार के दरवाजों की सेफ्टी चेक होती है या फिर सड़क पर पैदल चल रहे लोगों से टकराने पर होने वाला टेस्ट जिसे Pedestrian Test कहते हैं.
आजकल तो एक नया टेस्ट और आ गया है. Electronic Stability Control (ESC) टेस्ट जिसमें कार की स्टेबिलिटी को टेस्ट करते हैं. माने कि दुर्घटना होने पर या अचानक से ब्रेक लगाने पर कार कैसे परफॉर्म करेगी. अब जो ये सारे टेस्ट में कार को मिले पूरे नंबर तब जाकर उसके आगे पांच सितारे चमकेंगे. टेस्ट में फेल हुई तो फिर सितारे कम होते जाएंगे. मतलब भले आपकी कार का लोखंड बहुत मजबूत है, उसमें 6 एयर बैग लगे हैं या फिर भतेरे सेफ्टी फीचर्स लगा दिए गए हैं, तो भी उसको पांच स्टार तभी मिलेंगे जब कंपनी ख़ुद से उसे Global NCAP के पास भेजेगी और सारे टेस्ट पास करेगी.
तो क्या चार स्टार का मतलब बेकार है?नहीं, क्योंकि पांच स्टार भी कोई गारंटी थोड़े ना है. एक मानक है बस. मतलब चार स्टार वाली सेफ़ (safe) है तो पांच वाली को ज्यादा सेफर (safer) समझ लीजिए. मगर गाड़ी आपको चलानी है तो नियम कानून कायदे सब मानने ही पड़ेंगे. नहीं तो सितारों के चक्कर में सितारे गर्दिश में भी आ सकते हैं.
वीडियो: खर्चा पानी: मारुति सुजुकी के चेयरमैन ने सरकार की पोल खोल दी!