FAU-G: Fearless and United Guards. इंडिया में PUBG Mobile और पबजी मोबाइल लाइटगेम बैन होने के कुछ ही दिनों बाद ही एक देसी मोबाइल गेम फ़ौजी का अनाउंसमेंट हुआथा. एक्टर अक्षय कुमार ने पिछले साल सितंबर में एक पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी थी.गेम को बैंगलोर की nCore कंपनी ने बनाया है. फ़ौजी लॉन्च तो 26 जनवरी को हुआ, मगरइसका प्री-रजिस्ट्रेशन करीब 40 लाख लोगों ने पहले से कर रखा था. लेकिन गेम आने केबाद ऐसा लगता है कि nCore ने FAU-G की पॉपुलैरिटी को सर्दी में तापने के लिए जलाडाला.गेम की एक-दो चीजों को छोड़कर इसके बारे में और कुछ अच्छा कहने के लिए शब्द नहींमिले. अगर साफ़ शब्दों में कहें तो ये बस एक भरे-पूरे गेम का डेमो या ट्रायल मालूमपड़ता है. फ़ौजी में इस वक्त बस एक कैम्पेन मोड है, जिसमें आपका प्लेयर एक इंडियनसोल्जर है. गलवान वैली में अचानक हुए दुश्मनों के हमले में आप अपने साथियों से बिछड़जाते हैं. अपने साथियों की तलाश में आप एक दुश्मन कैम्प से दूसरे दुश्मन कैम्प तकजाते हैं.गेम में कॉन्टेन्ट के नाम पर बस दिलासा हैआज के टाइम में आप जितने भी पुराने मोबाइल गेम्स उठाकर देखेंगे तो पाएंगे कि ये सभीगेम शुरुआत में जैसे थे, अब उससे काफी अलग हैं. यूजर एक्सपीरियंस को अच्छा करने केलिए नया कॉन्टेन्ट और फीचर जुडते रहते हैं. Candy Crush से लेकर पबजी मोबाइल और कॉलऑफ़ ड्यूटी जैसे गेम्स ने भी यही तरीका अपनाया है. ऐसे समझिए जैसे पहले ये सिर्फटी-शर्ट और लोअर पहनकर आए थे, और अब थ्री-पीस सूट पहनकर टहल रहे हैं. इस हिसाब सेदेखा जाए तो FAU-G के बदन पर कपड़े तो दूर की बात, ये बिना खाल चढ़ाए ही मैदान मेंउतर आया है. मतलब कि फ़ौजी में कॉन्टेन्ट के नाम पर अभी बस दिलासा ही है.फ़ौजी के बाक़ी के दो गेमिंग मोड आना अभी बाक़ी है.आप या तो स्टोर में जाकर खरीदारी कर सकते हैं या फिर कैम्पेन मोड में खेल सकते हैं,जो भारत-चीन के बीच गलवान वैली क्लैश पर बेस्ड है. यहां आप बस लात-घूंसे चला सकतेहैं, या फ़िर हाथापाई वाले डंडे वग़ैरह. और इन सब काम को करने के लिए बस एक ही बटनहै. Team Death Match और Free for All मोड पर अभी काम चल रहा है. उम्मीद है कि इनमोड्स में गन होंगी.स्टोर में क्या है?फिलहाल FAU-G के स्टोर में भी चंद हथियारों की स्किन और दो कैरेक्टर हैं. इनकोखरीदने के लिए आप सिल्वर या गोल्ड कॉइन का इस्तेमाल कर सकते हैं. सिल्वर कॉइन गेममें कीर्तिमान बनाने पर मिलते हैं. गोल्ड कॉइन असली वाले पैसे खर्च करने पर मिलतेहैं. इस खरीदारी के लिए आपको टोकन स्टोर में जाना होगा, जहां पर 30 कॉइन 19 रुपए केहैं. टोकन स्टोर में ये भी लिखा हुआ मिलता है कि आपकी खरीदारी का 20% हिस्सा ‘भारतके वीर’ फाउंडेशन को जाएगा.फ़ौजी गेम में मौजूद टोकन स्टोर.आप ऊपर लगे स्क्रीनशॉट में गोल्ड कॉइन के अलग-अलग पैकेज के रेट देख सकते हैं. इसकेअलावा गेम में एक वेबसाइट का लिंक भी है, जहां आप FAU-G मर्चन्डाइज़ खरीद सकते हैं.मतलब FAU-G ब्रांडिंग वाली टी-शर्ट और हुडीज़ वग़ैरह.ग्राफिक के मामले में FAU-G दिल जीत लेता हैफ्लैगशिप एंड्रॉयड फ़ोन पर भी FAU-G ग्राफिक सेटिंग को मीडियम सेट करके रखता है. इसेसबसे ऊंची सेटिंग पर लगाने पर भी ग्राफिक में कोई खास फ़र्क नज़र नहीं आया. मगर दोनोंही सूरत में गेम के ग्राफिक काफ़ी अच्छे हैं. प्लेयर डिजाइन से लेकर गेम केएनवायरनमेंट तक तो बढ़िया से पॉलिश किया गया है. ‘कॉल ऑफ़ ड्यूटी मोबाइल’ से कंपेयरकरें तो ग्राफिक परफॉर्मेंस थोड़ी हल्की है, मगर फ़िर भी FAU-G के ग्राफिक हमारीउम्मीद से काफी बेहतर निकले. एक मोबाइल गेम होने के चलते प्लेयर्स को FAU-G केग्राफिक्स से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए.गेमप्ले बहुत ही निराश करने वाला है!गेम की सबसे जरूरी चीज उसका गेमप्ले एक्सपीरियंस होता है. और यहां पर FAU-G बहुतनिराश करता है. 15 मिनट खेलने पर ही गुस्सा आने लगता है, मगर इस रिव्यू को लिखने केवास्ते FAU-G को 3 घंटे झेलना पड़ा.अभी खेलने के लिए सिर्फ कैम्पेन मोड ही है, मगर यहां पर भी एक बटन को बार-बार दबानेके अलावा और कोई काम नहीं है. प्लेयर के पास चलने फ़िरने के लिए एक कंट्रोल पैड है,और कैमरा अजस्ट करने के लिए स्क्रीन का दायां हिस्सा इस्तेमाल होता है. इसके अलावाबस दो बटन हैं खेलने के लिए. एक बचाव या दुश्मन के हमले को ब्लॉक करने वाला और एकहमला करने वाला. न कूदने का कोई सिस्टम है, न बैठने का और न ही कुछ और.फ़ौजी का बैटल पास या ऑनर रोड जहां आपकी प्रोग्रेस दिखती है.फाइट एक्शन के नाम पर तीन-चार टाइप के अटैक हैं, मगर आप उन्हें चुन नहीं सकते. बसएक ही बटन पीटते रहिए, और आपका प्लेयर लात-मुक्के चलाता रहेगा. 2 मिनट के बाद हीगेम से ऊब होने लगती है. ऐसा नहीं है कि इस टाइप की फाइट वाले मोबाइल गेम पहले किसीने बनाए नहीं है. nCore दूसरे पॉपुलर मोबाइल गेम जैसे Marvel Future Fight याShadow Fight से थोड़ा आइडिया ले सकता था कि किस तरह से अलग-अलग कॉम्बैट बनाकरउन्हें अलग-अलग बटन दिया जाना चाहिए.अब बात आती है दुश्मनों की. अगर चाइना के सैनिक सच में ऐसे होते तो ऊपर वाला ही भलाकरता इनकी बॉर्डर सिक्योरिटी का. सब लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं मार खाने के लिए.चारों तरफ से घेर लेने के बाद भी कोई जहमत नहीं उठाता एक मुक्का मारने का भी. औरअगर गलती से कोई हाथ-पांव चला भी दे तो आपके हिलते रहने की वजह से वो जल्दी लगतानहीं है.FAU-G फाइट स्क्रीनशॉटअगर आप बिना किसी को मारे बस आगे बढ़ते चले जाएं तो ये आपके पीछे आना छोड़ देते हैं.ठीक यही हाल वापस पीछे जाने पर भी होता है. खैर स्टेज में आगे बढ़ने पर ये थोड़ा-बहुतहाथ चलाना चालू कर देते हैं और तब गेमप्ले की दूसरी दिक्कत पता चलती है.आपका प्लेयर कभी ये समझता ही नहीं कि वो एक अकेले दुश्मन से नहीं बल्कि पूरे जत्थेसे लड़ रहा है. पंच या किक मारने से पहले ये अपना एक सिंगल दुश्मन सेलेक्ट करता हैऔर उस पर सिर्फ और सिर्फ सामने से वार करता है. अगर कोई आपको साइड से मार रहा है तोआप उससे वहीं के वहीं निपट नहीं सकते. जब तक आपका सोल्जर उस पर नजरें न जमा ले, तबतक कुछ नहीं हो सकता. आसपास ज्यादा लोग होने की वजह से आप अपनी पसंद के दुश्मन कोनहीं मार सकते. और सबको पीछे खींच-खींच कर लाकर एक-एक से निपटने में दिया हुआ वक्तखत्म हो जाता है.FAU-G फाइट स्क्रीनशॉटगेमप्ले में और एक चीज है जो बहुत ज़्यादा दिमाग खराब करती है. स्लो मोशन. जब आपकिसी दुश्मन का काम तमाम कर देते हैं तो गेम स्लो मोशन मोड में आ जाता है. स्लोमोशन समझ में आता है. कूल लगता है. मगर ये फिनिशिंग मूव पर लगाया जाता है. जब आपआखिरी दुश्मन को ढेर कर दें और आप विजेता बनकर चौड़े हो रहे हों. इधर एक सिंगल बटनपीट-पीट कर जोरदार लड़ाई चल रही है, सिर पर 4 दुश्मन और खड़े हैं और उधर अचानक इसगहमा-गहमी में स्लो मोशन चालू हो जाता है. एक बार तो हमने एक दुश्मन को मारा, स्लोमोशन चालू हुआ और स्लो मोशन में ही दूसरे दुश्मन ने हमारा सिर बजा दिया. खुद कोस्लो मोशन में मार खाते देखना इज़ टू मच.बटन से याद आया, जमीन पर गिरे हथियार को उठाने के लिए भी कोई बटन नहीं है. इसके लिएआपको हथियार के ऊपर खड़े होना पड़ेगा. लड़ने वाली मुद्रा में प्लेयर हथियार उठाता भीनहीं है.हथियार उठाने के लिए कोई बटन नहीं है.हेल्थ और स्टैमिना बढ़ाने के लिए आपको बैठकर आग तापनी होती है. सिस्टम तो बढ़िया हैमगर इसमें टाइम बड़ा खर्च होता है. स्टेज को एक तय समय में खत्म करने के लिए आपको येजितना कम करना पड़े, उतना अच्छा है मगर फ़िर भी मोबाइल डिवाइस को हाथ में लेकर बैठेहुए प्लेयर का असली का टाइम भी इसमें ज़ाया होता है.हेल्थ पूरी करने के लिए आग तापनी होती है.गेम के डायलॉग बड़े फिल्मी हैं. 1990 के आसपास बनी हुई सनी देओल की फ़िल्म से उठाएहुए लगते हैं. आपका खिलाड़ी अक्सर बोलता है, “अपने भाइयों को बचाना मेरा फ़र्ज़है...और उनको पकड़ने वालों को मारना... मज़ा”, “वो हमेशा तो बॉर्डर के पीछे छुपकरनहीं रह सकते” और “मैं करीब पहुंच रहा हूं... वो डरकर भाग रहे हैं.” दुश्मन बड़ी हीअजीब सी टोन में अंग्रेज़ी में घिसे पिटे डायलॉग बोलते हैं, जैसे, “give up, beforewe make you.” मतलब कि हार मान जाओ वरना हम मनवा देंगे.मगर हंसी तब आती है, जब डायलॉग स्क्रीन पर चलने वाले कार्यक्रम से बिल्कुल अलग होतेहैं. आप खुद स्ट्रैटिजी के तहत पीछे हट रहे हैं, मगर आपका प्लेयर कह रहा है, “मैंकरीब पहुंच रहा हूं... वो डरकर भाग रहे हैं.” इधर आपने दुश्मन की खोपड़ी खोल दी औरउसका डायलॉग अपनी खुद की शेखी बघार रहा है.गेम में कई तरह के बग्स भी हैं, मगर ये इतने ज्यादा नहीं है कि गेम खेलना मुश्किलहो जाए. इन बग्स को फ्यूचर अपडेट में सही किया जा सकता है. दिक्कत बस गेमप्ले की हैजो खिलाड़ी को गेम में बांधने की बजाय बोर कर रहा है.फ़ौजी में मौजूद स्किन और कैरेक्टर डिजाइन.FAU-G कैम्पेन मोड को ही काफ़ी बेहतर बना सकता था. Marvel Future Fight की तरहप्लेयर के पास की टाइप के अटैक होने चाहिए थे, और हर किसी को चलाने के लिए अलग बटन.इसके अलावा और एक और रास्ता था जो इस मोड को बेहतरीन बना सकता था. nCore इस हिस्सेको क्लासिक Hitman गेम की तरह भी बना सकता था, जिसमें आपको छुपते-छिपाते या भेषबदलकर या खामोश तरीके से दुश्मनों का सफ़ाया करना होता है.FAU-G REVIEW: निष्कर्षFAU-G को देखकर लगता है कि ये अभी पूरी तरह से तैयार नहीं है. इसे 26 जनवरी कीरिलीज डेट को सामने रख कर बनाया गया है. इतनी देर में गेम जितना बन पाया, उतनाहमारे सामने परोस दिया गया. शुरुआत में कंपनी का ध्यान गेम के ऐसे फीचर पर होनाचाहिए जो लोगों को गेम से जोड़े रखे, मगर nCore ने शुरुआत से ही पैसा कमाने पर ध्यानलगा दिया है. गेम के अंदर IceSpice पर मौजूद FAU-G मर्चन्डाइज़, गोल्ड कॉइन कीबिक्री, स्किन और कैरेक्टर सेल इस बात की तरफ इशारा करते हैं.FAU-G की होमस्क्रीन.गेम के कैरेक्टर, एनवायरनमेंट और ग्राफ़िक्स देखकर लगता है कि FAU-G बहुत कुछ करसकता था. मगर कॉन्टेन्ट और फीचर की कमी की वजह से गेमप्ले बोरियत से भरा है. और बसकिसी गेम के ट्रायल या डेमो वर्ज़न की फीलिंग देता है. कंपनी FAU-G के कैम्पेन मोडको और बेहतर बनाकर उतार सकती थी या फ़िर दूसरे गेम मोड बन जाने के बाद इसे लॉन्चकरती. अगर गेम की रिलीज कुछ महीने और आगे खिसक जाती, तब भी प्री-रजिस्टर करने वालेलोग तो इसे ट्राइ करते ही करते. लेकिन एक बार मन उचट जाने के बाद लोग वापस आएंगे यानहीं, ये कहना बड़ा मुश्किल है.