सरकार ने इमरजेंसी अलर्ट मेसेज की व्यवस्था तो बना दी, लेकिन ये 23 करोड़ फोन पर भारी पड़ जाएगी!
Emergency alert message फीचर अब स्मार्टफोन कंपनियों की गले की फांस बन सकता है. इसके पीछे की वजह Department Of Telecommunication (DoT) का 17 सितंबर का आदेश. इस आदेश की वजह से 230 मिलियन (23 करोड़) फोन प्रभावित हो सकते हैं.
Emergency Alert Message. मतलब, आपातकालीन अलर्ट को लेकर सरकार पिछले कुछ वक्त से काफी तैयारी कर रही है. आपातकालीन अलर्ट यानी तूफान से लेकर तेज बारिश, भूकंप, सुनामी और बाढ़ जैसी आपदाओं के समय पब्लिक को समय रहते सचेत करने के लिए बहुत तेजी से घंटी बजाने वाला अलर्ट सिस्टम. पिछले साल यानी 2023 में इससे जुड़े चार टेस्ट अलर्ट स्मार्टफोन पर भेजे गए थे. एंड्रॉयड स्मार्टफोन मेकर्स से लेकर Apple ने iPhone में इस फीचर को लेकर जरूरी बदलाव भी किए हैं. मसलन, फोन भले आपका साइलेंट मोड में क्यों नहीं हो, अलर्ट आने पर वो वाइलेंट हो जाएगा. बोले तो वाइब्रेट भी करेगा और जोर का साउंड भी आएगा.
बेहद जरूरी फीचर है जो स्मार्टफोन में इनेबल किया गया है. मगर यही फीचर अब स्मार्टफोन कंपनियों की गले की फांस बन सकता है. इसके पीछे की वजह Department Of Telecommunication (DoT) का 17 सितंबर का आदेश. इस आदेश की वजह से 230 मिलियन (23 करोड़) फोन प्रभावित हो सकते हैं.
फीचर फोन्स के लिए नई चुनौतीदरअसल, (DoT) ने स्मार्टफोन कंपनियों से कहा है कि वो फीचर फोन्स में आपातकालीन अलर्ट के लिए ‘Auto Readout’ फीचर डेवलप करें. फीचर की व्यवस्था हिंदी, इंग्लिश समेत चार और रीजनल लैंग्वेज में होनी चाहिए. फीचर फोन पढ़कर जो आपके लगे कि क्या भई, कौन ही इनको इस्तेमाल करता होगा तो जनाब पहले इसी का का गुणा-गणित बता देते हैं. फिर ‘Auto Readout’ फीचर को समझ लेंगे.
आज की तारीख में भी देश में 230 मिलियन मतलब 23 करोड़ फीचर फोन एक्टिव हैं. काउंटर पॉइंट की रपट के मुताबिक, साल 2023 में भी 6 करोड़ फीचर फोन की बिक्री हुई है. क्योंकि ये सारे फीचर फोन हैं तो अभी भी 2G नेटवर्क पर चलते हैं. इसलिए इनमें अपडेट भेजना मुमकिन नहीं. इन डिवाइस को वापस बुलाकर या सर्विस सेंटर पर भेजकर भी ऐसा करना संभव नहीं है. कारण इनमें बहुत कम मेमोरी होती है और लैंग्वेज डाउनलोड करने के लिए उसकी जरूरत होती है. वैसे कुछ फीचर फोन मसलन Jio डिवाइस जो 4G नेटवर्क पर काम करते हैं, उनमें ऐसा करना मुमकिन होगा. मगर इनकी संख्या फिलहाल कम है.
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मतलब, करोड़ों फीचर फोन पर इसका असर पड़ना तय है. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, Lava, itel, Nokia जैसी फीचर फोन बनाने वाली कंपनियों पर इसका असर पड़ना तय है. वैसे बात सिर्फ पुराने फोन की नहीं बल्कि नए फीचर फोन में भी ऐसा करना कंपनियों के पॉकेट पर भारी पड़ेगा. क्या करना, अरे वही ‘Auto Readout’ फीचर. मतलब जब भी अलर्ट जारी हो तो वो हिंदी इंग्लिश समेत चार और रीजनल भाषाओं में जोर-जोर से बोलकर बताए. 30 सेकंड तक चलने वाला अलर्ट नोटिफिकेशन में साउंड, फ्लैशलाइट और वाइब्रेशन शामिल होते हैं.
सरकार इस फीचर को देश में बिकने वाले हर स्मार्टफोन और फीचर फोन में अनिवार्य करने के लिए Indian Wireless Telegraphy एक्ट में संशोधन भी कर चुकी है. मतलब, बिना आपातकालीन अलर्ट फीचर के कोई भी फोन देश में नहीं बिकने वाला है. जाहिर सी बात है कि कंपनियों के लिए मुश्किल बढ़ना तय है. हालांकि, India Celluar and Electronics Association (ICEA) इस आदेश के विरुद्ध DoT से बात करने वाला है. मामले में जो भी अपडेट आएगा, हम आपसे साझा करेंगे.
तब तक अगर आपने इस अलर्ट सिस्टम का इतिहास जानना है तो इधर क्लिक कर लीजिए.
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