भंडारे वाली पूड़ी-सब्जी खाने का मन है, नजदीक और दूर के भंडारे का पता यूं चलेगा
बात हो रही है गूगल प्ले पर उपलब्ध Bhandara ऐप की. जो आपको लगे कि कोई बतोलेबाजी हो रही तो भियो ऐसा नहीं है. एकदम फुल्ली फंक्शनल ऐप है. ऐप की टैग लाइन है 'ab bhukhe nahi rahoge'. वाकई में ऐसा है क्या.
आज जमाना ऐप्स का. हर चीज के लिए ऐप उपलब्ध है. सुबह नींद से जगाने के लिए स्लीप ट्रेकिंग ऐप, उठकर घूमी-घूमी करने के लिए ट्रेकिंग ऐप. खाना खाने के लिए कैलोरी काउंटर ऐप. ऑफिस जाने के लिए टैक्सी ऐप. बैंकिंग ऐप, न्यूज ऐप से लेकर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए भी ऐप उपलब्ध हैं. हर चीज के लिए ऐप है तो भंडारे की आलू वाली सब्जी और पूड़ी के लिए भी तो ऐप होना चाहिए. अरे भाई अगर मन करे, जो अक्सर करता भी है कि भंडारे की पूड़ी सब्जी खानी है तो क्या करें. कछु नई. ऐप डाउनलोड करें.
बात हो रही है गूगल प्ले पर उपलब्ध Bhandara ऐप की. जो आपको लगे कि कोई बतोलेबाजी हो रही तो भियो ऐसा नहीं है. एकदम फुल्ली फंक्शनल ऐप है. ऐप की टैग लाइन है 'ab bhukhe nahi rahoge'. वाकई में ऐसा है क्या. भंडारा करते हैं मतलब जानते हैं.
आगे की जानकारी से पहले एक जरूरी बात. हमें प्ले स्टोर में ऐप नजर आया तो हमने इस्तेमाल करके देखा. ऐप में दी गई जानकारी का ‘The Lallantop’ से कोई सरोकार नहीं है.
यूजर इंटरफ़ेसथोड़ा अलग है. मतलब जहां हर ऐप में पहले-पहल लॉगिन को स्किप करने का ऑप्शन होता है. वो इस ऐप में नहीं है. आपको अपने ईमेल और मोबाइल नंबर से लॉगिन करना होगा. इसके बाद ही ऐप को एक्सेस किया जा सकता है. होम पेज पर आसपास में चल रहे भंडारों के बारे में जानकारी मिल जाती है. गुरुद्वारे से लेकर मंदिर में चल रहे भंडारे या लंगर का पता यहां मिलता हैं.
हालांकि ऐप का डेटा बेस अभी ज्यादा नहीं हैं क्योंकि ऑप्शन कम नजर आते हैं. मगर जो भी ऑप्शन दिखते हैं उनका पूरा डिटेल जरूर मिलता है. जैसे भंडारा कब चालू होगा और कब खत्म. ऐप गूगल मैप से जुड़ा हुआ है तो अगर भंडारे में जाने का मन है तो बस यहीं से क्लिक करके रास्ता तय किया जा सकता है.
ऐप में भंडारे की जगह अपलोड करने का भी फीचर है. यहां धर्म के हिसाब से और खाने के हिसाब से डिटेल अपलोड कर सकते हैं. अब बात ऐप के सबसे मजेदार फीचर की.
Community Hub: बड़ी मजेदार जगह है ये. लोग गजब कमेंट करते हैं. जैसे,
विराज का कमेंट पढिए,
बहुत भूख लगी है, कोई तो भंडारा खिलाओ
अरिता साहा को भंडारे में भी मन का खाना चाहिए. उनका कमेंट तो यही कहता है,
भाई कोई बिरयानी खिला दो
अमन खान का कमेंट तो अलग ही है,
कोई प्लीज संगम विहार में भंडारा कर दो प्लीज प्लीज
कहने का मतलब. जनता भी खूब मौज ले रही. आप भी मौज लीजिए. मतलब मन का खाते रहिए. जगह घर हो, होटल हो या भंडारा.
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